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आजकल के पुरुष किसी महिला से कम नहीं, करा सकते हैं बच्चों को स्तनपान, कैसे?

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नई दिल्ली। अक्सर समाज में महिलाओं की वरीयता को लेकर सवाल उठते रहते हैं कि महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं, महिलाएं हर वो काम कर सकती हैं जो पुरुष कर सकते हैं। कई काम ऐसे होते हैं जो पुरुष नहीं कर पाते जबकि महिलाएं कर लेती। लेकिन पुरुषों को कभी इस बात का मलाल नहीं रहा। लेकिन अब पुरुष समाज के लिए एक खुशखबरी है। अब पुरुष भी महिलाओं की तरह अपने बच्चों को स्तनपान करा सकते हैं। कैसे? बताते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के एक डॉक्टर डॉ एंड्यू रोफर्ड ने एक इंटरव्यू में कहा कि, हार्मोन ट्रीटमेंट के बाद कोई भी पुरुष बड़ी ही आसानी से नवजात बच्चे को दूध पिला सकता है। इसका उदहारण एक लेस्बियन कपल है जिसमे दोनों ही अपने बच्चे को दूध पिलाते है। क्योंकि इसमें से एक ने अपना हार्मोन ट्रीटमेंट करवाया था। जिसके कारण वो अपने बच्चे को दूध पिलाने में समर्थ है। अपने इंटरव्यू में डॉ एंड्यू रोफर्ड ने बताया कि अगर किसी महिला ने बच्चे को जन्म नहीं भी दिया है और वो हार्मोन ट्रीटमेंट करवा ले तो वो भी बच्चे को दूध पिला सकती है।

हार्मोन ट्रीटमेंट करवाने से प्रोलेक्टिन एक्टिव हो जाता है। जिसके कारण कोई भी बच्चे को दूध पिला सकता है। प्रेग्नेंसी के बाद महिला के अंदर प्रोलेक्टिन पिट्यूटरी ग्रंथि एक्टिव हो जाती है। जिसके कारण वो अपने बच्चे को दूध पिला पाती है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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