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कर्नाटक चुनाव : कांग्रेस के किले ‘गडग’ में सेंध लगा पाएगी भाजपा?

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नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)| कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में जहां कुछ सीटों पर दिग्गज राजनेताओं का एकछत्र राज रहा है तो वहीं कुछ सुरक्षित किलों में सेंध लगने की शुरुआत हो चुकी है। सत्तारूढ़ कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक गडग पर 2008 में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सेंध लगाई थी लेकिन कांग्रेस ने अगले चुनाव में उस हिसाब को चुकता कर दोबारा से यहां कब्जा जमाया था।

कर्नाटक विधानसभा सीट संख्या-66 गडग निर्वाचन क्षेत्र। गडग क्षेत्र में कुल 2,15,621 मतदाता हैं जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,07,788 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,07,661 है। साथ ही 23 अन्य भी इस बार चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। गडग जिला संगीत और साहित्य की समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। गडग जिला भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी का घर है। साथ ही वीरा नारायण का मंदिर और त्रिकुठेश्वर मंदिर यहां पूजा के महत्वपूर्ण स्थान है। गडग राज्य के सबसे खराब बाढ़ प्रभावित जिलों में से एक है, जहां 2007 में आई दो बार बाढ़ ने इस जिले को गंभीर रूप से प्रभावित किया था।

बात करें क्षेत्रीय राजनीति की तो 2013 विधानसभा चुनावों में गडग निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूदा विधायक एच.के. पाटिल ने 51.7 प्रतिशत वोटों के साथ 70,475 वोट हासिल किए थे। उन्होंने बड़वारा श्रमिकर राइतर कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल प्रकाशबाबू मेंसिंकाई को करीब 33 हजार मतों से हराया था। अनिल को 2013 चुनाव में 36,748 मत प्राप्त हुए थे और वह दूसरे स्थान पर रहे थे।

गडग निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस का एक मजबूत गढ़ रहा है। यहां हुए अब तक 13 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 11 बार जीत हासिल की है। जबकि दो बार 1978 व 2008 में उसे जेएनपी और भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा है।

सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 2018 विधानसभा चुनावों में गडग से मौजूदा विधायक एच.के. पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह वर्तमान कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री का पद संभाल रहे हैं। वह कांग्रेस के दिग्गज और प्रसिद्ध राजनेता दिवगंत के .एच. पाटिल के बेटे हैं। हुलकोटी के ‘टाइगर’ के नाम से लोकप्रिय पाटिल को राज्य में सिंचाई के विस्तार और कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री के पद पर रहने के दौरान क्लाउड सीडिंग की अगुवाई करने का श्रेय जाता है।

एच.के. पाटिल एक अनुभवी कांग्रेस नेता होने के साथ साथ कर्नाटक सरकार में कपड़ा प्रमुख सिंचाई कृषि, कानून और संसदीय मामलों का प्रभार संभाल चुके हैं। साथ ही अपने अनुभवी राजनीतिक सफर में पाटिल विपक्ष के नेता और कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।

वहीं भाजपा ने 2008 का करिश्मा दोहराने के लिए 2013 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे बड़वारा श्रमिकर राइतर कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल प्रकाशबाबू मेंसिंकाई को अपना उम्मीदवार बनाया है।

इसके इलावा इस चुनाव में जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) का समर्थन कर रही बहुजन समाज पार्टी ने महबूबसाब राजेसाब सोमपुर को चुनाव मैदान में उतारा है। साथ ही इंडियन न्यू कांग्रेस पार्टी ने बी.एम. पाटिल, रानी चेन्नमा पार्टी ने मल्लिकार्जुन बी. देसाई, ऑल इंडिया महिला इंपॉवरमेंट पार्टी ने सिराजअहमद और जनता दल युनाईटेड ने एस.एस. रडार को चुनाव मैदान में उतारा है। इन दिग्गजों के साथ तीन निर्दलीय भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पहले ही जनता दल-सेक्युलर को अपना समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है, हालांकि इस सीट पर जेडीएस मैदान में नहीं है जिसका फायदा बसपा को मिलता दिखाई देगा।

224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए राज्य में 56,696 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिसमें 4,96,82,357 (4.96 करोड़) मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर नई सरकार का चुनाव करेंगे। नई सरकार के लिए 12 मई को एक चरण में चुनाव होगा और वोटों की गिनती 15 मई को की जाएगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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