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भारत के खिलाफ नेपाल के क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होगा : ओली

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काठमांडू, 12 मई (आईएएनएस)| नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को भरोसा दिलाया कि नेपाल के क्षेत्र का इस्तेमाल नई दिल्ली के हितों के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। यह जानकारी भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने यहां शनिवार को दी।

गोखले ने मीडिया से बातचीत में कहा, ओली ने अपनी बात दोहराते हुए कहा है कि वह हमारी चिंताओं को लेकर संवदेनशील हैं और उनके देश के भूभाग का इस्तेमाल किसी के द्वारा भारत के खिलाफ नहीं करने दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

गोखले ने ओली के बयान को काफी महत्वपूर्ण बताया।

ओली के नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर पहले कार्यकाल अक्टूबर 2015 से अगस्त 2016 के दौरान भारत और नेपाल के संबंधों में भावशून्यता बनी हुई थी जब नई दिल्ली के ऊपर सीमाबंदी के कारण नेपाल की अर्थव्यवस्था चरमराने के लिए नई दिल्ली को कसूरवार ठहराया गया था।

यह भी माना जा रहा था कि ओली का झुकाव भारत के बजाय चीन की तरफ ज्यादा है।

गोखले ने कहा कि मोदी के दो दिवसीय नेपाल यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि चाहे सीमापार बिजली की बात हो या संपर्क बढ़ाने की, दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती को भारत तवज्जो दे रहा है।

फरवरी में नेपाल की सत्ता संभालने के बाद ओली अपनी पहली विदेश यात्रा पर अप्रैल में भारत आए।

गोखले ने कहा कि भारत ने नेपाल में लोकतंत्र बहाली का स्वागत किया है।

गोखले के मुताबिक, ओली ने मोदी से इस बात की पुष्टि की कि नेपाल इस साल बंगाल की खाड़ी बहुक्षेत्रीय प्रौद्योगिकी व आर्थिक सहयोग प्रस्ताव (बिम्सटेक) सम्मेलन की मेजबानी करेगा। बिम्सटेक में बंग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं।

मोदी ने ओली के अलावा नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और सरकार के अन्य अधिकारियों से बातचीत की और कहा, नेपाल के साथ सभी गलतफहमी समाप्त हो गई है।

मोदी नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और नेपाली कांग्रेस के अन्य सदस्यों समेत विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात की।

उन्होंने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी केंद्र) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने को लेकर भी बातचीत की।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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