अन्तर्राष्ट्रीय
ये जनजाति मरने के बाद मुर्दे को जलाती नहीं, सिर्फ़ खाल गलने तक भूनती है और फिर..
नई दिल्ली। देश-विदेश में ऐसी कई प्रथाएं हैं जो आप नहीं जानते होंगे। हम दावा करते हैं कि अगर आप जान जाओ तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। चाहे भारत में अघोरियों की जीवन शैली हो या भारत के बाहर पारसी समुदाय का अंतिम संस्कार हो। वो कहानियां कभी। आज आपको सुनाएंगे कहानी एक ऐसी जनजाति की जो मरने के बाद मुर्दे को पूरा नहीं जलाती बल्कि सिर्फ खाल गलने तक भूनती है और फिर ममी बना कर हमेशा-हमेशा के लिए अपने पास सुरक्षित रख लेती है।
पापुआ न्यू गीनिया में एक दानी नाम की जनजाति है। यहां मृतक के शरीर को आधा जलाकर सालों-साल तक ममी बना कर अपने घर में रखा जाता है। इसके पीछे वजह बताई जाती है कि वो अपने परिवारिक सदस्य को मरने के बाद श्रद्धांजलि देना चाहते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां मुर्दे को पहले जलाते हैं। फिर आधे जले हुए शरीर को आग से निकाल कर ममी के रूप में रखा जाता है। इतिहास में पढ़ने को मिलता है कि पुराने ज़माने में इजिप्ट में मुर्दों को ममी बनाने की परंपरा थी।
कई जगह मुर्दों को दफनाते हैं और कई जगह जलाते हैं। लेकिन मरने के बाद की जो प्रक्रिया यहां देखने को मिलती हो, वो वाकई हैरान करने वाली है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
-
हरियाणा3 days ago
गोधरा कांड पर बनी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को हरियाणा में टैक्स फ्री किया गया, सीएम सैनी ने कहा फिल्म को जरूर देखें
-
करियर3 days ago
उ.प्र.पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने जारी किया 2024 कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिजल्ट
-
राजनीति3 days ago
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने जारी की अपनी पहली लिस्ट, जानें किस को कहा से मिला टिकट
-
मनोरंजन2 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
मुख्य समाचार2 days ago
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
-
झारखण्ड3 days ago
JHARKHAND EXIT POLL : किसी बनेंगी सरकार, किसके सर पर सजेगा ताज ?
-
नेशनल2 days ago
धीरेन्द्र शास्त्री की एकता यात्रा आज से शुरू, सीएम मोहन यादव और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव ने भेजी शुभकामनाएं
-
नेशनल2 days ago
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर