Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

फीफा विश्व कप : सुआरेज, कावानी के दम पर तीसरा खिताब जीतना चाहेगा उरुग्वे

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)| फीफा विश्व कप का पहला संस्करण अपने नाम करने वाली उरुग्वे 57 साल से अपने तीसरे विश्व कप खिताब की खोज में है और इस बार रूस में होने वाले विश्व कप के 21वें संस्करण में उसकी कोशिश इसी सूखे को खत्म करने की होगी।

दक्षिण अमेरिका के इस देश के पास दो विश्व कप खिताब हैं। उरुग्वे ने अपनी मेजबानी में 1930 में खेले गए पहले संस्करण में खिताब जीता था। इसके बाद यह देश 1950 ब्राजील में खेले गए विश्व कप में दूसरी बार विश्व विजेता बनने में सफल रहा था।

तब से हालांकि उरुग्वे अपने तीसरे खिताब की कोशिशों में ही लगा है। तीन बार 1954, 1970 और 2010 में सेमीफाइनल में पहुंचा लेकिन इससे आगे नहीं जा सका। यह उसका 13वां विश्व कप होगा।

14 जून से शुरू हो रहे विश्व कप में उरुग्वे की कोशिश बीते कई वर्षो से चले आ रहे अपने प्रयास में सफलता हासिल करने की होगी जिसका जिम्मा कई हद तक उसके स्टार खिलाड़ी और स्पेनिश क्लब बार्सिलोना के लिए खेलने वाले स्ट्राइकर लुइस सुआरेज और एडिनसन कावानी के जिम्मे है। टीम की आक्रमण पंक्ति की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों के जिम्मे है।

सुआरेज और कावानी की जोड़ी को कोई भी अपनी टीम में देखना चाहेगी। यह जोड़ी किसी भी टीम के लिए घातक हो सकती है। इन दोनों को अलावा 26 साल के मिडफील्डर मातियास वेसिनो पर भी सभी कि निगाहें होगी। उन्होंने इस साल इंटर मिलान से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया है।

वहीं डिफेंस में डिएगो गोडिन और जोस मारिया गिमेननेज के रहने से टीम की रक्षापंक्ति मजबूत मानी जा रही है। यह दोनों स्पेन के क्लब एटलेटिको मेड्रिड में एक साथ खेलते हैं।

इन्हीं खिलाड़ियों के दम पर टीम का दारोमदार है। वहीं कोच ऑस्कर तबरेज की टीम में कई युवा खिलाड़ी शामिल हैं। तबरेज युवा खिलाड़ियों को अहमियत देते देखे गए हैं। यह चौथी बार है जब तबरेज विश्व कप में उरुग्वे के कोच हैं। वह 1990, 2010, 2014 में टीम के कोच रह चुके हैं।

2010 में वह टीम को सेमीफाइनल तक ले जाने में सफल हुए थे। हालांकि 2014 में टीम अंतिम-16 से आगे नहीं जा सकी थी।

टीम के लिए सुआरेज जितने लाभदायक हैं उसी तरह उनके रहने से टीम को एक खतरा हमेशा बना रहता है। सुआरेज का मैदान पर व्यवहार कई बार उन्हें प्रतिबंध दिलवा चुका है। वह खिलाड़ी को काटने के लिए मशहूर हैं। ऐसे में पूरी टीम उम्मीद करेगी की सुआरेज इतने बड़े टूर्नामेंट में इस तरह की हरकत न करें।

टीम की अगर कोई कमजोरी है तो वो है मिडफील्ड। यहां तबरेज को काम करने की जरूरत होगी।

टीम अगर क्वार्टर फाइनल तक भी नहीं पहुंचती है तो यह उसकी विफलता होगी क्योंकि उसके ग्रुप में जो टीमें हैं उनमें उरुग्वे सबसे मजबूत है। उरुग्वे को ग्रुप-ए में रखा गया है जहां मेजबान रूस के अलावा जापान, मिस्र, साउदी अरब हैं।

उरुग्वे को अपना पहला मैच 15 जून को मिस्र से खेलना है और दूसरा मैच 20 जून को साउदी अरब से होगा। ग्रुप दौर के आखिरी मैच में उसे मेजबान रूस से भिड़ना है जो उसे कड़ी टक्कर दे सकती है और संभवत: इसी मैच से यह पता चलेगा की पहले-दूसरे स्थान पर कौन सी टीमें रहेंगी।

Continue Reading

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending