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टीवी पर अपने असल व्यक्तित्व को दिखाने से डरता था : सलमान खान

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मुंबई, 29 मई (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने जब 2008 में ‘दस का दम’ शो के साथ टेलीविजन में अपने काम की शुरुआत की थी तो वह दर्शकों के सामने अपने असल व्यक्तित्व को आ जाने को लेकर काफी डरे हुए थे लेकिन अब वह इसी गेम शो के एक नए संस्करण के साथ आम आदमी के साथ आमना-सामना करने के लिए तैयार हैं। सलमान ने कहा कि अब उन्हें अहसास हो चुका है कि लोगों के सामने वह कौन हैं।

‘दस का दम’ सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन चैनल पर नौ साल बाद चार जून से प्रदर्शित हो रहा है।

सलमान ने सोमवार रात शो के लॉन्च के मौके पर कहा, यह शो 2008 में पहली बार आया था और इसके साथ मैंने टीवी पर अपना डेब्यू किया। उस समय मेरे बारे में थोड़ी नकारात्मकता थी और मैं वास्तव में यहां आने और दस का दम में अपने असल व्यक्तित्व के सामने आने को लेकर डरा हुआ था लेकिन फिर भी मैंने टीवी पर आने का फैसला किया।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि टीवी सबसे सशक्त माध्यम है। मैंने अपने पिता से पूछा था कि क्या मुझे शो करना चाहिए क्योंकि वहां आम आदमी होंगे। मैं अपने खुद के व्यक्तित्व को लेकर डर हुआ था।

सलमान ने अपने पिता व लेखक सलीम खान से सलाह मांगी जिन्होंने उनसे कहा कि ‘यही तुम्हारा असली रूप है। जाओ और दुनिया को दिखाओ की तुम क्या हो। अगर तुम्हें लोगों ने स्वीकारा तो ठीक है और अगर नहीं, तो अपने आप को बदलना।’

उन्होंने कहा कि फिल्मों से अलग जब एक अभिनेता टीवी पर एक रियलिटी शो करता है तो उसका असल व्यक्तित्व बाहर निकलता है।

सलमान कहते हैं, मैं जैसा हूं लोगों ने मुझे उसी तरह से स्वीकार किया। उन्हें पता चल गया कि मैं कौन हूं।

सलमान शो के बाद जीवन के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहते हैं कि पनवेल में उनके फार्महाउस के आसपास रहने वाले ग्रामीण शो के बाद ‘मैंने प्यार किया’ के प्रेम, समीर और ‘करन अर्जुन’ के करन को भूल गए और वह सलमान को और उनके ‘दस का दम’ को याद रखते हैं।

सलमान ने कहा, इसके बाद मुझे टेलीविजन की शक्ति का अहसास हुआ।

सलमान को हालांकि यह अजीब लगता है कि आज बॉलीवुड के कई नए सितारे इस माध्यम को कम आंकते हैं।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वे सोचते हैं कि हम फिल्म करने यहां आए हैं और अगर वे टीवी में प्रवेश करते हैं, तो वे वहां फंस जाएंगे या अपना सम्मान खो देंगे। इसलिए वे टीवी पर काम कर लाखों रुपये कमाने से महरूम रह जाते हैं जो वे फिल्म उद्योग में कभी नहीं बना पाएंगे।

उन्होंने कहा कि उन्हें टेलीविजन से संतुष्टि मिलती है। यहां आम लोग मिलते हैं जिनमें झूठा दिखावा नहीं होता और उनसे मिलने की इस प्रक्रिया में वह अपने सुपरस्टार वाले लबादे को उतार फेंकते हैं।

सलमान से आईएएनएस ने पूछा कि उनमें ऐसा क्या है जो देश के आम आदमी से जुड़ जाता है। इस पर 52 वर्षीय अभिनेता ने कहा, मुझे नहीं पता और मैं जानना भी नहीं चाहता..क्योंकि अगर मैंने इसका पता लगा लिया तो मैं फिर मैं इस जानकारी का जरूरत से बहुत ज्यादा इस्तेमाल करूंगा और फिर यह मेरे काम का नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा, मैं जैसा हूं बस उसी तरह रहना चाहता हूं।

चाहे सोनम कपूर की शादी हो, या फिर फिल्म रेस-3 का ट्रेलर लांच या फिर अब दस के दम का लांच और ऐसी और बातें, वह कैसे हर चीज कर लेते हैं और सभी काम को पर्याप्त समय भी देते हैं? इस पर सलमान ने कहा, सोच यह है कि जो रोज मैं काम करता हूं, इससे कितने ही लोगों को वेतन मिलता है। तो, बजाए इसके कि मैं छुट्टी लूं और घर बैठूं, मुझे रोज काम करना चाहिए। मेरी जिंदगी ही मेरा अवकाश है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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