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कश्मीर में 4 वर्षो में 619 आतंकवादी मारे गए : राजनाथ

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लखनऊ, 29 मई (आईएएनएस)| केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियों का बखान करते हुए यहां कहा कि सरकार पिछले चार वर्षो के दौरान आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से निपटने में कामयाब रही है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षो (2014-2017) के दौरान जम्मू एवं कश्मीर में 619 आतंकवादी मारे गए। हालांकि, राजनाथ इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि बीते चार वर्षो में सीमा पर कितने जवान शहीद हुए। राजनाथ ने कहा, यदि हम पिछली सरकार के अंतिम चार साल और वर्तमान सरकार के प्रथम चार साल की तुलना करें तो आपको लगेगा कि सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया है।

राजनाथ ने आगे कहा, वर्ष 2014-2017 के बीच पिछले चार वर्षो में आतंकवादी घटनाओं में कुल 619 आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि पिछली सरकार के अंतिम चार वर्षो में यह आंकड़ा केवल 471 था।

गृहमंत्री से पूछा गया कि पिछले चार वर्षो में आतंकवादी घटनाओं में कितने जवान शहीद हुए? इस पर उन्होंने कहा, हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि आतंकवादी घटनाओं में जवानों की शहादत नहीं हुई है। लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद हमने जवानों की शहादत के बाद मिलने वाली आर्थिक सहायता 50 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने का काम किया। हालांकि, जवानों की शहादत की कीमत पैसे से नहीं लगाई जा सकती।

राजनाथ ने पूर्वोत्तर में हो रही हिंसा और नक्सलवाद का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही पूवरेत्तर में घुसपैठ की घटनाओं में काफी कमी आई है।

राजनाथ ने कहा, वर्ष 1997 से लेकर 2017 तक की बात करें, तो हम देखते हैं कि पिछले दो दशक में पूवरेत्तर में घुसपैठ की घटनाओं में 85 फीसदी कमी आई है।

लखनऊ से सांसद व गृहमंत्री राजनाथ ने नक्सलवाद को लेकर कहा कि पिछली सरकार और वर्तमान सरकार की चार वर्षो की तुलना की जाए तो पिछली सरकार के अंतिम चार सालों में कुल 2,418 नक्सली घटनाएं हुईं, जबकि वर्तमान सरकार के प्रथम चार वर्षो में मात्र 1,481 नक्सली घटनाएं हुईं।

राजनाथ ने कहा कि वर्ष 2013 में नक्सलवाद देश के 76 जिलों में फैला था, लेकिन पिछले चार वर्षो में यह 58 जिलों तक सिमट गया है।

इससे पूर्व उन्होंने यह साफ किया कि जम्मू एवं कश्मीर में सरकार की तरफ से किसी तरह के संघर्षविराम की घोषणा नहीं की गई है। रमजान के पवित्र महीने को देखते हुए केवल अभियान निलंबित किया गया है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, सरकार की तरफ से अभियान निलंबित किया गया है, संघर्ष विराम नहीं है। आतंकवादी घटना होने पर सेना के हाथ नहीं बंधे हैं। जरूरत पड़ने पर हर आतंकवादी हमले का मुहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

राजनाथ ने कहा कि देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से व्यापक सीमा सुरक्षा प्रणाली की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत देश की सीमाओं पर नए तकनीक के राडार लगाए जाएंगे। सीमा पर लेड लाइट्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि आतंकवादी अंधेरे का लाभ उठाकर देश की सीमा में न प्रवेश कर पाएं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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