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इंटरस्टेट ई-वे बिल : ध्यान रखने योग्य 7 बातें

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नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)| सामानों की अंतर्राज्यीय (इंटर-स्टेट) आवाजाही के लिए 1 अप्रैल 2018 से ई-वे बिल सिस्टम को पूरे देशभर में लागू किया गया था। इसके साथ ही यह फैसला किया गया था कि एक बार सिस्टम के सफलतापूर्वक लागू हो जाने के बाद राज्य के भीतर यानी राज्यान्तरिक ई-वे बिल को भी 15 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

हर सप्ताह चार से पांच राज्यों को इसमें शामिल किया जाना है। कर्नाटक इस सूची में शामिल होने वाला पहला राज्य था, जिसने 1 अप्रैल से ही राज्यान्तरिक ई-वे बिल सिस्टम को अपनाया। अभी तक 22 राज्य – आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पुडुचेरी, असम और राजस्थान राज्यान्तरिक ई-वे बिल को अपना चुके हैं और लक्षद्वीप व चंडीगढ़ 25 मई को इस सूची में शामिल हुये हैं, महाराष्ट्र 31 मई से तथा पंजाब एवं गोवा 1 जून से इस सिस्टम से जुड़ जाएंगे।

यदि आधिकारिक आंकड़ों पर गौर किया जाये तो सिस्टम का समूचा क्रियान्वयन और ई-वे बिलों को देश भर में जनरेट करना सफल रहा है। 13 मई तक, यानी लगभग 45 दिनों की अवधि तक, 4.15 करोड़ ई-वे बिलों को सफलतापूर्वक जनरेट किया जा चुका है, इसमें 1 करोड़ से अधिक ई-वे बिल सामानों के राज्यान्तरिक गतिविधि के लिए जनरेट किये गये हैं। सामानों का अंतर्राज्यीय और राज्यान्तरिक मूवमेंट 3 जून 2018 से अनिवार्य हो जायेगा और इसमें देश भर के व्यवसायों को अपने संबंधित कंसाइनमेंट की योजना बनाने के दौरान कई बातें ध्यान में रखने की जरूरत होगी।

एक बिजनेस के तौर पर आने वाले समय के लिए खुद को तैयार करने हेतु आपको नीचे दी गई 7 बातों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिये:

– आप ई-वेबिल डॉट एनआईसी डॉट इन से जीएसटीआइएन का इस्तेमाल कर ई-वे बिल जनरेट कर सकते हैं।

– ई-वे बिल की जरूरत तब होगी जब टैक्सेबल कंसाइनमेट का मूल्य टैक्स वैल्यू के साथ, 50,000 रुपये से अधिक हो।

– यदि आपने जॉब वर्क के लिए सामग्री भेजी है तब आप अथवा जॉब वर्कर ई-वे बिल जनरेट कर सकता है।

– एक सप्लायर के तौर पर, आप ई-वे बिल का पार्ट 1 भरने के लिए ट्रांसपोर्ट, ई-कॉमर्स ऑपरेटर अथवा कुरियर एजेंसी को ऑथोराइज कर सकते हैं।

– यदि आपके बिजनेस के प्राथमिक स्थान और ट्रांसपोर्टर के स्थान के बीच की दूरी 50 किलोमीटर से कम है, तब सिर्फ ई-वे बिल के पार्ट ए को भरने की ही आवश्यकता है, पार्ट बी को भरने की कोई जरूरत नहीं है।

– एक बार ई-वे बिल जनरेट होने के बाद, सामानों का प्राप्तिकर्ता 72 घंटे या वास्तविक डिलीवरी, जो भी पहले हो, से पूर्व सामानों की प्राप्ति की पुष्टि कर सकता है अथवा उससे इनकार कर सकता है।

– ऐसे मामलों में, जिसमें सामानों को रेलवे, एयरोप्लेन अथवा शिप से भेजा जा रहा है, ई-वे बिल को सिर्फ सप्लायर या प्राप्तिकर्ता द्वारा ही जनरेट किया जा सकता है। ट्रांसपोर्टर बिल जनरेट नहीं कर सकता है। हालांकि, ऐसे मामलों में, ई-वे बिल तभी जनरेट कर सकते हैं जब गुड्स शिपमेंट प्रारंभ हो गया हो।

आज की तारीख में यह कहा जा सकता है कि व्यावसाय इन ई-बे बिल दिशानिदेशरें को अपना रहे हैं, और टैक्स अथॉरिटीज उचित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, ऐसे में देशव्यापी सिंगल ई-वे बिल पूरी सफलता के साथ जल्द ही एक हकीकत का रूप ले लेगा।

(तेजस गोयनका, टैली सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक हैं)

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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