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झुंझनू के एक गांव में गरीबों के मसीहा बने उद्योगपति संजय डालमिया

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नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)| दिल्ली के अग्रणी उद्योगपति संजय डालमिया द्वारा संचालित डालमिया सेवा ट्रस्ट (डीएसटी) अपने गृह जिला झुंझनु के चिरावा तहसील में आने वाले एक गांव में लोगों की भलाई और उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने के क्षेत्र में बीते 14 सालों से शिद्दत से काम कर रहा है। ट्रस्ट इस्लाइलपुर नाम के इस गांव में 2004 से ही शिक्षा, पर्यावरण, जल संरक्षण, सेहत और स्वच्छता के क्षेत्र में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रहा है। ट्रस्ट सभी क्षेत्रों, जैसे साफ-सफाई और उन्हें पीने योग्य साफ और सुरक्षित पानी की सुविधाएं दिलाने में जुटा है। बारिश के पानी को हार्वेस्टिंग टैंक में स्टोर किया जाता है, जिससे उसे रिसाइकिल कर खाना पकाने और पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सके।

इस गांव में डालमिया सेवा ट्रस्ट (डीएसटी) सक्रिय रूप से बच्चों को उत्थान की दिशा में काम कर रहा है क्योंकि बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं। ट्रस्ट लड़कियों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने और स्कूलों में दोपहर के भोजन का प्रबंध करने जैसी कई योजनाएं चला रहा है। इसके लिए ट्रस्ट पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए पेड़ लगाने के काम में भी आगे है।

डालमिया सेवा ट्रस्ट चिरावा में साफ-सफाई और स्वच्छता के क्षेत्र में अपने हिस्से का कार्य कर स्वच्छ भारत अभियान के विचार में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है। इसके लिए ट्रस्ट उन 100 घरों में शौचालय बनवा रहा है, जहां के लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं और अपने संसाधनों के दम पर शौचालय नहीं बनवा सकते।

डीएसटी ने चिरावा में करीब 100 बेघर परिवारों के लिए घर भी बनाए हैं। समाज सेवा के ये सभी कार्यों का संचालन और प्रबंधन डालमिया सेवा ट्रस्ट की ओर से अपने संसाधनों से ही किया जाता है। उन्हें राज्य प्रशासन या किसी बाहरी एजेंसियों से किसी तरह की मदद नहीं मिलती।

डालमिया ट्रस्ट समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में भी प्रयास कर रहा है। संजय डालमिया की दिलचस्पी लोगों को साफ पानी मुहैया कराने और स्वच्छता एवं साफ-सफाई की दिशा में प्रभावी ढंग से काम करने और इन्हें बढ़ावा देने में हैं। भारतीय सेवा समाज के सहयोग से डालमिया सेवा ट्रस्ट समाज के निर्धन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों की आंखों की विभिन्न बीमारियों और अस्थमा के इलाज के लिए मुफ्त हेल्थ कैंप भी आयोजित करता है।

सेहतमंद जिंदगी जीने के लिए साफ-सफाई और स्वच्छता बेहद महत्वपूर्ण है। ट्रस्ट इस दिशा में काम कर रही है। ट्रस्ट ने अब तक 125 शौचालय बनाए हैं और गांव में 75 टॉयलेट और बनवाए जा रहे हैं। ये सारा काम मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने से पहले से ही किया जा रहा है।

डालमिया सेवा ट्रस्ट ने उल्लेखनीय योगदान करते हुए सामाजिक विकास के लिए चिरावा तहसील के इस्माइलपुर गांव को गोद लिया है। ग्रामीण विकास परियोजना के तहत ट्रस्ट ने करीब 13 बेघर परिवारों के घर बनाए हैं। ट्रस्ट इस तरह के 15-20 और घर बना रहा है।

डालमिया परिवार देश की अन्य बड़ी कंपनियों और कॉरपोरेट्स से राष्ट्रीय एकीकरण के लिए आगे आने का आग्रह करता है, जिससे देश के संपूर्ण विकास के लिए सरकार और इंडस्ट्री के बीच एक रचनात्मक लिंक बन सके।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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