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इक्वाडोर की इस्पिनोसा गार्सेस यूएनजीए की अध्यक्ष निर्वाचित

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संयुक्त राष्ट्र, 6 जून (आईएएनएस)| इक्वाडोर की विदेश मंत्री मारिया फर्नाडिस इस्पिनोसा गार्सेस को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजए) की अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र के 73 वर्षो के इतिहास में मारिया इस स्थान पर काबिज होने वाली चौथी महिला हैं।

इस पद पर पहुंचने वाली भारत की विजयलक्ष्मी पंडित पहली महिला थीं। वह 1953 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनी थीं।

इस कीर्तिमान के साथ इस्पिनोसा ने कहा कि वह अपनी इस जीत को दुनियाभर की महिलाओं को समर्पित करती हैं।

इस्पिनोसा ने अपनी कड़ी प्रतिद्वंद्वी होंडूरास की स्थाई प्रतिनिधि मैरी एलिजाबेथ फ्लोरेस फ्लेक को हराया। इस्पिनोसा को 128 वोट मिले जबकि मैरी को सिर्फ 62 वोट मिले।

संयुक्त राष्ट्र में महासभा की अध्यक्षता विभिन्न समूहों के बीच रोटेट होती है। इस साल लैटिन अमेरिका और कैरीबियाई ब्लॉक का उम्मीदवार अध्यक्ष पद काबिज होना था।

इस्पिनोसा ने अपने चुनाव के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह सुरक्षा परिषद सुधार प्रक्रिया के लिए किए गए कार्यो का आकलन करेंगी।

उन्होंने कहा, ये सुधार प्रक्रियाएं बीते 25 वर्षो से चल रही हैं और यह संगठन के लिए बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है।

यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस्पिनोसा के चुनाव के बाद महासभा में अध्यक्ष पद पर कम महिलाओं के चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि 73 वर्षो के इतिहास में अब तक सिर्फ चार महिलाएं ही इस पद के लिए चुनी गई हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष विजयलक्ष्मी पंडित के बाद दूसरी महिला को इस पद पर पहुंचने में 16 वर्ष लगे। 1969 में लाइबेरिया की एंजी ब्रूक्स चुनी गईं। इसके 37 साल बाद बहरीन की हाया राशिद अल खलीफा 2006 में महासभा की अध्यक्ष चुनी गई थीं।

गुटेरेस ने कहा, मेरे महाद्वीप में पूर्व या पश्चिम से कोई भी महिला अब तक इस पद पर नहीं पहुंची है।

गौरतलब है कि इस पद पर पहुंचने वाली सभी चारों महिलाएं विकासशील देशों से रही हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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