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‘मंटो’ में सीमाओं से परे जाने की क्षमता : ताहिर राज

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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)| ‘मंटो’ की कहानी रचनात्मक विद्रोहियों द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जोर देने की कोशिश के बारे में है। अभिनेता ताहिर राज भसीन का मानना है कि यह क्षेत्र या राष्ट्र से परे हर किसी को एक भावना में बांधने की कोशिश करेगी।

उनका कहना है कि फिल्म एक प्रासंगिक विषय पर आधारित है, क्योंकि कई राष्ट्रों में कलाकारों और लेखकों को अपनी राय जाहिर करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

फिल्म ‘मंटो’ में निर्देशक नंदिता दास ने प्रसिद्ध कहानीकार सआदत हसन मंटो की जिंदगी के कई पहलुओं को दिखाया है। मंटो के किरदार में अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी हैं। खास बात यह कि 71वें कान्स फिल्म महोत्सव में अन सर्टेन रिगार्ड कैटेगरी में चयनित होने वाली यह एकमात्र भारतीय फिल्म रही।

ताहिर ने मुंबई से फोन पर आईएएनएस को बताया, महोत्सव में दुनियाभर के दर्शक थे और उन लोगों ने खड़े होकर फिल्म के प्रति सम्मान जाहिर किया। हमें जो प्रतिक्रिया मिली, वह यह थी कि कहानी सीमाओं से आगे बढ़ती है, जो महान है, जो शानदार बात है।

उन्होंने कहा, अगर आप इस बारे में सोचते हैं, मंटो एक स्वतंत्र विचारों वाले और विद्रोही शख्स थे, जो रचनात्मक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी में यकीन करते थे। कई देशों में आज के राजनीतिक परिदृश्य में मनचाहे तरीके से नहीं लिख पाना, अपनी बात नहीं रख पाना कलाकारों और लेखकों के लिए एक बड़ा मुद्दा है। इस विषय में अंतर्निहित सार्वभौकिता है।

ताहिर फिल्म में मंटो के करीबी दोस्त व अभिनेता सुंदर श्याम चड्ढा की भूमिका में हैं।

श्याम चड्ढ़ा ने फिल्म ‘गोवंधी’ से फिल्मी दुनिया में आगाज किया था। लेकिन पहचान उन्हें ‘मजबूर’ से मिली। 25 अप्रैल, 1951 को उनका निधन हो गया।

ताहिर से जब पूछा गया कि उन्होंने अपने किरदार की तैयारी कैसे की, तो कहा कि उन्होंने अभिनेता के रिश्तेदारों से बात की। उनकी तस्वीरें देखी कि वह किस तरह के शख्सियत थे। मंटो की किताब ‘स्टार्स फ्रॉम अनदर स्काई’ से भी उन्हें दिवंगत अभिनेता के बारे में जानने को मिला। लेखक ने एक अध्याय में श्याम के साथ अपने रिश्तों के बारे में बात की है।

फिल्म ‘मंटो’ भारत में सितंबर में रिलीज होने की उम्मीद है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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