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मनोरंजन

यह लड़का पहले सुपरस्टार बना, फिर वापस आकर बीटेक का पेपर दिया!

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कार्तिक आर्यन

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मुंबई। फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले कार्तिक आर्यन आज किसी पहचान के मोहताज नहीं। हाल ही उनकी फिल्म ‘सोनू की टीटू की स्वीटी’ ने बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़ दिए थे।

कार्तिक आर्यन

फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई करते हुए 100 करोड़ रुपए कमाए थे। आज हम आपको कार्तिक के बारे में एक ऐसी बात बताने जा रहे जिसे जाकर आप चौंक जाएंगे।

कार्तिक आर्यन

आपको जानकर हैरानी होगी कि कार्तिक जब इंजिनियरिंग कर रहे थे तब उन्हें कॉलेज में ज्यादा लोग नहीं जानते थे। लेकिन पढ़ाई के दौरान ‘प्यार का पंचनामा’ करने के बाद उनकी किस्मत बदल गई।

कार्तिक आर्यन

फिल्म रिलीज होने के बाद जब कार्तिक एग्जाम देने के लिए कॉलेज पहुंचे तो वह फेमस हो चुके थे। और स्टूडेंट्स उनके साथ सेल्फी लेने के लिए होड़ लगाए थे।

कार्तिक ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा- ‘प्यार का पंचनामा के बाद जब मैं इसके सीक्वल की शूटिंग कर रहा था, आपको विश्वास नहीं होगा कि मैं अपना बीटेक का एग्जाम दे रहा था। मुझे याद है कि जब हम पेपर लिख रहे थे तब स्टूडेंट्स मेरे साथ तस्वीरें खींच रहे थे।’

उन्होंने बताया- ‘जब मेरी मम्मी को पता चला कि मैं एक्टिंग के लिए गंभीर हूं और उनकी जानकारी के बिना स्ट्रगल कर रहा हूं तो उन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया। उस समय तक मैंने बहुत स्ट्रगल कर लिया था और मुझे प्यार का पंचनामा भी मिल गई थी।’

कार्तिक आर्यन

आपको बता दें कि कार्तिक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं जिसकी वजह से उनके पैरेंट्स के लिए उनके सपने को पूरा कर पाना मुश्किल था। लेकिन जब कार्तिक ने अपनी मम्मी को बताया कि उन्हें फिल्म मिल गई है तो वो रोने लगी थीं।

उन्होंने बताया- ‘मैं फोन पर रो रहा था। मुझे सुनकर वो भी रोने लगी थीं। ये मेरी जिंदगी का सबसे खुशनुमा पल था। मैं इसे सबके साथ शेयर करना चाहता था।’ कार्तिक ने कहा कि मेरी बातों को सुनकर मम्मी ने कहा कि तुम इतने दिनों से स्ट्रगल कर रहे थे तो हमें बताया क्यों नहीं।

कार्तिक अपने सपने के बारे में बताने से डरते थे। उन्होंने कहा- ‘मैं छोटे शहर के मिडिल क्लास फैमिली से हूं। उनके लिए मेरा मुंबई जाकर फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने का सपना बहुत बड़ा था।

इस इंडस्ट्री में काम पाने का चांस 0.1% है इसलिए मैंने उन्हें नहीं बताया, लेकिन जब मैंने उन्हें बताया तो उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया और कभी शिकायत नहीं की।’

कार्तिक को फिल्म मिलने के बाद भी उनकी मम्मी चाहती थीं कि वो अपनी पढ़ाई पूरी करें। उन्होंने कहा- ‘आज मैं पढ़ा-लिखा अपनी मम्मी की वजह से ही हूं।’

उत्तर प्रदेश

योगी को यूपी का साथ, 9 में जीतीं सीटें सात

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लखनऊ |  योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश की जनता ने एक बार फिर बता दिया कि उन्हें योगी आदित्यनाथ का ही साथ पसंद है। प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में सात पर एनडीए ने जीत दर्ज की। इसमें से छह पर भारतीय जनता पार्टी और एक सीट पर एनडीए गठबंधन (रालोद) ने जीत हासिल की। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के हिस्से की कुंदरकी व कटेहरी सीट भी जीत ली। इन दोनों सीटों पर नया इतिहास लिखा गया।

पांच दिन में योगी आदित्यनाथ ने किए थे 15 चुनावी कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी व रालोद प्रत्याशी के पक्ष में पांच दिन में 15 चुनावी कार्यक्रम किए। सीएम योगी ने फूलपुर, मझवा, खैर व कटेहरी में दो-दो रैली की। गाजियाबाद में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली व एक रोड शो कर कमल को फिर से खिलाने की अपील की, जिस पर जनता ने मुहर लगाया। वहीं कुंदरकी व मीरापुर में भी सीएम की रैली हुई। इसका असर यह हुआ कि कुंदरकी में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।

कटेहरी में तीन दशक बाद कमल का कमाल, 34514 वोट से दर्ज की जीत

कटेहरी में लगभग तीन दशक से अधिक समय से इस सीट पर भाजपा को जीत नहीं मिल पा रही थी, लेकिन इस बार उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कटेहरी में भी कमल ने कमाल कर दिखाया। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने तीन दशक बाद यहां कमल खिलाया। धर्मराज निषाद ने न सिर्फ सपा से यह सीट छीनी, बल्कि सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा को 34514 के बड़े अंतर से हराया।

कुंदरकी में भी खिला कमल, योगी को मिला जनता का साथ

2022 विधानसभा चुनाव में कुंदरकी में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर भी विधायक के सांसद चुने जाने के कारण यहां उपचुनाव हुआ। इस सीट पर भी काफी समय से समाजवादी पार्टी का कब्जा था, लेकिन 2024 में हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सीट भाजपा के खाते में गई। योगी के आह्वान पर जनता ने यहां से सपा को चारों खाने चित कर दिया। यहां के भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने सपा के मो. रिजवान को काफी बड़े अंतर से पराजित किया।

मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर व मीरापुर में भी योगी-योगी

मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर के साथ ही मीरापुर में भी रैलियों से चल रही योगी-य़ोगी की गूंज शनिवार को जीत के बाद और तेज होती गई। मीरापुर में रालोद व अन्य सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की। मझवा में विनोद बिंद, फूलपुर से प्रवीण पटेल, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, खैर से अनूप प्रधान वाल्मीकि व मीरापुर से चंदन चौहान के सांसद चुने जाने के उपरांत यहां उपचुनाव कराए गए। इन सीटों को बरकरार रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अन्य सीटों पर जीत हासिल की।

सपा के घर करहल के साथ सीसामऊ में जीत का अंतर भी हुआ कम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत का ही प्रतिफल है कि समाजवादी पार्टी के घर करहल में भी सपा की जीत का अंतर काफी कम हुआ। 2022 आमचुनाव में सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव ने यहां 67504 वोटों से जीत हासिल की थी, जो 2024 उपचुनाव में घटकर महज 14725 वोट पहुंच गई। तेज प्रताप यादव को यहां से 104304 वोट मिले। भाजपा के अनुजेश यादव ने 89579 वोट प्राप्त किया। वहीं सीसामऊ में 2022 में सपा के इरफान सोलंकी ने 12266 वोटों से जीत हासिल की। उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने 69714 वोट पाकर 8564 वोट से जीत दर्ज की। यहां से भाजपा के सुरेश अवस्थी को 61150 वोट मिले।

सात सीटों पर जीत व अंतर

कुंदरकी- रामवीर सिंह ठाकुर
गाजियाबाद- संजीव शर्मा- 96946 (69351 से जीत)
फूलपुर- दीपक पटेल- 78289 (11305 से जीत)
मझवां- सुचिस्मिता मौर्या- 77737 (4922 से जीत)
कटेहरी- धर्मराज निषाद- 104091 (34514 से जीत)
खैर- सुरेंद्र दिलेर – 100181 (38393 से जीत)
मीरापुर- मिथिलेश पाल (रालोद)- 84304 (30796 से जीत

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