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फीफा विश्व कप : रूस में लगातार दूसरी बार परचम लहराना चाहेगा जर्मनी
नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)| ब्राजील के बाद फीफा विश्व कप की सबसे सफल टीम जर्मनी मैनुएल नॉयर के नेतृत्व में 14 जून से रूस में शुरू हो रहे टूर्नामेंट के 21वें संस्करण का खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है। जर्मनी ने 2014 में हुए विश्व कप का भी खिताब अपने नाम किया था और यूरोप का यह देश कुल चार बार इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को जीतने में कामयाब रहा है।
फीफा विश्व कप में जर्मनी के दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार बार खिताब जीतने के अलावा यह देश चार बार उपविजेता भी रहा है। जर्मनी ने टूर्नामेंट में पहले बार 1934 में हिस्सा लिया लेकिन टीम खिताब जीतने में कामयाब नहीं हो पाई।
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी दो हिस्सों में बट गया जिसे पूर्व जर्मनी एवं पश्चिम जर्मनी से नाम से जाना गया। विश्वयुद्ध के प्रभाव के कारण जर्मनी की दोनों टीमों को 1950 में हुए विश्व कप में हिस्सा नहीं लेने दिया गया लेकिन पश्चिम जर्मनी ने उसके बाद हुए सभी विश्व कप में भाग लिया। हालांकि, पूर्व जर्मनी केवल 1974 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में सफल हो पाई।
स्विट्जरलैंड में हुए 1954 विश्व कप पश्चिम जर्मनी ने शानदार वापसी की और फाइनल मुकाबले में 50 के दशक की शुरुआती की सबसे मजबूत टीम हंगरी को 3-2 से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया। 1966 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में कप्तान फ्रांज बेकनबॉयर के नेतृत्व में टीम फाइनल तक पहुंची। हालांकि, जर्मनी खिताब से चूक गई और फाइनल मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड ने उन्हें 4-2 से शिकस्त दी।
पश्चिम जर्मनी को दोबारा विश्व कप जीतने का सपना 1974 में सच हुआ। अपने घर में खेलते हुए पश्चिम जर्मनी ने टूर्नामेंट में बड़ी टीमों को मात दी लेकिन मेजबान टीम को एक रोमांचक मुकाबले में टूर्नामेंट में पहली बार हिस्सा ले रही पूर्व जर्मनी के खिलाफ 0-1 से हार झेलनी पड़ी। पश्चिम जर्मनी समय रहते इस हार से उबरी और फाइनल मुकाबले में नीदरलैण्ड्स को 2-1 से हराकर खिताबी जीत दर्ज की।
पश्चिम जर्मनी की फुटबाल टीम ने 80 के दशक में भी अपने दबदबे को जारी रखा अगले तीन में से दो विश्व कप की उपविजेता रही। 1990 में हुए विश्व कप में उसने तीसरी बार खिताब पर कब्जा किया। टीम पूरे टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारी और फाइनल मुकाबले में अर्जेटीना को 1-0 से मात दी।
इटली में 1990 विश्व कप के बाद से अगले सभी विश्व कप में पूर्व एवं पश्चिम जर्मनी ने एक टीम के रूप में हिस्सा लिया। हालांकि, जर्मनी को चौथ खिताब जीतने के लिए 24 वर्षो का इंतजार करना पड़ा।
पिछले विश्व कप की तरह इस बार भी जर्मनी की टीम सितारों से भरी हुई है और खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है। विश्व कप के रूस में होना से भी जर्मनी को लाभ होगा। टीम के पास कई सारे ऐसे खिलाड़ी है विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट ख्ेालने का अनुभव है और वह अभी भी विश्व के शीर्ष फुटबाल खिलाड़ियों में गिने जाते हैं।
जर्मनी के तीनों गोलकीपर मैनुअल नॉयर, माके आंद्रे टेर स्टेगन एवं केविन ट्रैप अपने क्लब के नंबर-1 हैं और इन्हें भेदना किसी भी टीम के फारवर्ड खिलाड़ियों के लिए आसान नहीं होगा। जर्मनी का डिफेंस भी बेहद मजबूत है, जेरोम बाआटेंग और मैट्स हुमल्स के अलावा जोशुआ किमिच एवं एंटोनियो रुडिगेर पर सबकी निगाहें होंगी।
मिडफील्ड में इके गुंडोगन, सामी खेदीरा, टोनी क्रूस एवं मेसुट ओजिल का अनुभव जर्मनी को विजेता की श्रेणी में लाता है। टीम की फारवार्ड लाइन थोड़ी कमजोर नजर आती है लेकिन थॉमस मुलर और टीमो वॉर्नर की मौजूदगी विपक्षी टीम के डिफेंस के लिए चिंता का विषय होगी।
फीफा विश्व के क्वालीफाइंग दौर में जर्मनी ने अपने सभी मैचों में जीत दर्ज की। विश्व कप के लिए जर्मनी को मेक्सिको, स्वीडन एवं दक्षिण कोरिया के साथ ग्रुप-एफ में रखा गया और टीम अपना पहला मैच 17 जून को मेक्सिको के खिलाफ खेलेगी।
जर्मनी फुटबाल टीम :
गोलकीपर : मैनुअल नॉयर, मार्क आंद्रे टेर स्टीगन, केविन ट्रैप
डिफेंडर : जेरोम बाआटेंग, मैथियास गिंटर, जोनास हेक्टर, मैट्स हुमेल्स, जोशुआ किमिच, मार्विन प्लेटनहाडर्ट, एंटोनियो रुडिगेर, निकाल्स सुले
मिडफील्डर : जुलियान ब्रेंडट, जुलियान ड्रेक्सल, लियोन गोरेत्स्क, इलाके गुंडोगन, सामी खेदीरा, टोनी क्रूस, मेसुट ओजिल, सेबेस्टियन रूडी
स्ट्राइकर : मारियो गोमेज, थॉमस मुलर, मार्को रेउस और टीमो वॉर्नर।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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