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केजरीवाल 3 साल बाद फिर ‘धरना राजनीति’ में लौटे

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नई दिल्ली, 13 जून (आईएएनएस)| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीन साल बाद ‘धरना राजनीति’ में फिर लौट आए हैं। केजरीवाल पिछले 30 दिनों में दो बार धरना दे चुके हैं। उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में केजरीवाल के धरना देने से इस साल फरवरी में मुख्य सचिव अंशू प्रकाश पर कथित हमले के बाद भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों (आईएएस) और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच अनबन फिर से बढ़ गई है।

सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने अरविंद केजरीवाल ने 2012 में नए राजनीतिक दल का गठन किया था तथा अगले वर्ष दिसंबर में कांग्रेस की मदद से दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे। चुनाव में आप को 28 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी।

मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद जनवरी 2014 में केजरीवाल ने अपने मंत्रियों के साथ केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित दिल्ली पुलिस पर नियंत्रण के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। केजरीवाल ने संसद भवन के निकट रेल भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

केजरीवाल ने 49 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद इस्तीफा दे दिया और दोबारा चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि बहुमत नहीं होने के कारण वे दिल्ली जन लोकपाल विधेयक पेश नहीं कर पा रहे थे।

अगले साल 2015 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए और आप ने 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में 67 सीटें जीतीं।

इसके बाद पिछले महीने तक केजरीवाल ने किसी मुद्दे पर धरना नहीं दिया था। पिछले महीने केजरीवाल अपने सभी विधायकों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय के पास सड़क पर धरना देकर उपराज्यपाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दबाव में सीसीटीवी परियोजना में अवरोध न डालने की मांग की थी।

केजरीवाल और उनके विधायक 14 मई को उपराज्यपाल से मुलाकात करने गए, लेकिन जब पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया तो वे सड़क पर ही बैठ गए और लगभग तीन घंटों तक भाजपा और उपराज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

यह धरना जनता को यह बताने के लिए आयोजित किया गया था कि जनता को पता चल सके कि भाजपा और उपराज्यपाल सीसीटीवी परियोजना में रोड़े अटका रहे हैं।

वर्तमान धरने के तहत केजरीवाल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्रियों सत्येंद्र जैन और गोपाल राय के साथ उपराज्यपाल अनिल बैजल के आधिकारिक आवास-सह-कार्यालय में सोमवार शाम से धरना दे रहे हैं। सिसोदिया और जैन ने अब अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

हालिया धरना के पीछे का कारण, मुख्य सचिव पर कथित हमला होने के बाद से आईएएस अधिकारियों और आप सरकार के बीच विवाद है।

मुख्य सचिव अंशू प्रकाश ने 20 फरवरी को आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री आवाज पर दो आप विधायकों- अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल- ने केजरीवाल की मौजूदगी में उनके साथ मारपीट की थी।

आईएएस एसोसिएशन की सचिव मनीषा सक्सेना ने कहा, इसके बाद, आईएएस अधिकारी दिल्ली में नियमित बैठकों में भाग नहीं ले रहे थे, क्योंकि मंत्री आईएएस अधिकारियों की सुरक्षा और सम्मान का आश्वासन नहीं दे पा रहे थे।

मुख्यमंत्री गरीबों को उनके घरों पर राशन देने के उनकी सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग भी कर रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा कि वे और उनके सहकर्मी मांग पूरी होने से पहले बैजल के कार्यालय से नहीं जाएंगे। बैजल द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं देने के कारण यह धरना फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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