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अन्तर्राष्ट्रीय

सऊदी की इस राजकुमारी की खूबसूरती की कायल है पूरी दुनिया, सभी हैं हुस्न के दीवाने

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खूबसूरती का जिक्र आते है हम लोगों के ख्यालों में बॉलीवुड एक्ट्रेसेस का चेहरा आता है, उनकी खूबसूरती के आगे सब कुछ फीका लगता है। लेकिन आपको पता नहीं होगा कि सऊदी अरब में एक मुस्लिम राजकुमारी है। जिसकी खूबसूरती के आगे दुनिया की बड़ी-बड़ी हीरोइनें पानी भरती हैं। ये राजकुमारी इतनी मॉर्डर्न है कि पूरी दुनिया की औरतों के लिए मिसाल बन चुकी है। आइए हम बताते हैं आपको इस खूबसूरत राजकुमारी के बारे में…

इनका नाम अमीराह अल तवील है। 34 साल की ये राजकुमारी बहुत ओपन माइंडेड और आधुनिक ख्यालों वाली है। सऊदी अरब में इनके किस्सों की इतनी चर्चा होती है कि शायद और किसी की नहीं होती होगी। अमीरा की शादी सऊदी के प्रिंस अलवलीद बिन तलाल से हुई थी। वह अमीरा से उम्र में 28 साल बड़े थे।

एक खबर के मुताबिक सऊदी की इस खूबसूरत राजकुमारी को 17 साल की उम्र में प्रिंस से प्यार हो गया था। वह एक परीक्षा दे रही थी। इसी दौरान उनकी प्रिंस से मुलाकात हो गई थी। यह मुलाकात बस 10 मिनट ही चली थी। इसके बाद ही दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया था और दोनों ने नौ महीने बाद धूमधाम से निकाह कर लिया था।

अमीरा ने सऊदी अरब जैसे कट्टर मुस्लिम देश में हिजाब पहनने से साफ इनकार कर दिया था। हालांकि अमीरा ने शुरू में कुछ दिन हिजाब पहना लेकिन बाद में हिजाब की कैद से खुद को आजाद कर लिया।

अमीरा की लाइफ स्टाइल बड़ी आकर्षक है। उनको ड्राइविंग का बहुत शौक है। वो घुड़सवारी भी करती हैं। अमीरा बहुत दानवीर भी हैंं। उनका दिल बहुत ही बड़ा है। वो सिर्फ मानव कल्याण के काम में लगे रहती हैं। उन्होंने 70 देशों में जाकर समाजसेवा की है। कोई भी गरीब उनको मिलता है तो वो उसकी मदद करने से नहीं चूकती हैं। उन्होंने हजारों गरीबों के लिए आशियाने भी बनवाये हैं।

अमीरा जहां खुद लग्जरी लाइफ जीती हैं, वहीं दूसरों की मदद भी करती हैं। राजकुमारी अरबपति हैं। अमारी अल-वलीद-बिन तलाल फाउंडेशन की अध्यक्ष होने के साथ सिलाटेक ग्रुप की बोर्ड ऑफ ट्रस्टी है। वह अपनी कार खुद चलाती हैं और एमबीए कर चुकी हैं। महंगी कारों और महंगे कपड़ों का उनको बहुत शौक है।

तलाक के बाद राजकुमारी अमीरा अपने पिता और दादा-दादी के साथ रियाद में रहती हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि जहां-जहां आपदा आती है, वो वहां पहुंचकर मदद करती हैं। पाकिस्तान की बाढ़ से लेकर सोमालिया में आये संकट में वह वहां मौजूद थीं।

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पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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