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एनबीसीसी ने ठेकेदारों से 4 जुलाई तक पेड़ नहीं काटने को कहा

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नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)| सरकार के स्वामित्व वाली एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड ने बुधवार को अपने ठेकेदारों से चार जुलाई तक कोई भी पेड़ नहीं काटने का निर्देश जारी किया है। एनबीसीसी को दक्षिण दिल्ली में बुनियादी ढांचे के पुनर्विकास के लिए हजारों पेड़ों को काटने की जरूरत है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, हमने अपने सभी ठेकेदारों को दिल्ली की तीन कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए किसी भी पेड़ को नहीं काटने का निर्देश दिया है। अगर किसी भी व्यक्ति या ठेकेदार द्वारा आदेश के उल्लंघन की घटना सामने आती है तो वह अदालत के आदेश की अवहेलना समेत सभी नुकसान के लिए जिम्मेदार होगा।

एनबीसीसी का यह निर्देश दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 25 जून को केंद्रीय सरकार की निर्माण कंपनी को चार जुलाई तक पेड़ नहीं काटने से रोकने के बाद आया है।

एनबीसीसी नौरोजी नगर, नेताजी नगर और सरोजिनी नगर में पुनर्विकास का कार्य कर रही है। दिल्ली के दक्षिणी क्षेत्र में करीबन 13 हजार पेड़ों को काटा जाना है। दिल्ली का दक्षिणी क्षेत्र सबसे ज्यादा हरे भरे इलाकों में से एक है। पेड़ों को काटकर 25,000 नए फ्लैटों और लगभग 70,000 वाहनों के लिए पार्किं ग स्थान बनाने की योजना है।

इससे पहले सोमवार को एनबीसीसी के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पेड़ों को काटने की अनुमति दी है। मंजूरी पत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने पिछले साल नौरोजी नगर में 1,454 पेड़ों को काटने और इस साल नेताजी नगर में 2,294 पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी।

सूत्र के मुताबिक, वहीं किदवई नगर में अलग से 1,123 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी।

एनबीसीसी के दावे के घंटों बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने उपराज्यपाल से बात की और निर्माण कंपनी द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देश का उल्लंघन किए जाने का जिक्र किया।

एनजीटी ने आदेश दिया कि किसी भी बुनियादी ढांचे के लिए अगर पेड़ों को गिराने की जरूरत पड़ती है तो पेड़ों की कटाई से पहले वनरोपण अनिवार्य है।

इस बीच पेड़ों को बचाने के लिए सरोजिनी नगर में कई निवासी, कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों ने रविवार को रैली निकाली और पेड़ों को गले लगाया, जिससे चिपको आंदोलन की यादें ताजा हो गईं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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