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कैलाश : सिमिकोट से 883 तीर्थयात्रियों को निकाला गया, 500 इंतजार में

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काठमांडू, 5 जुलाई (आईएएनएस)| सरकार ने गुरुवार को कहा कि बीते तीन दिनों में नेपाल के सिमिकोट इलाके से कैलाश मानसरोवर यात्रा के 883 तीर्थयात्रियों को निकाला गया है और 500 से ज्यादा तीर्थयात्री अभी भी बचाव उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि नेपाल में भारतीय दूतावास तीर्थयात्रियों को बड़े स्तर पर हिल्सा व सिमिकोट से निकालने का काम किया है और अगर मौसम ठीक रहा तो हम उन्हें निकट भविष्य में बाहर निकालने में सक्षम होंगे।

बीते तीन दिनों में सिमिकोट में फंसे 883 तीर्थयात्रियों को निकाल कर नेपालगंज व सुरखेट पहुंचाया गया है।

रवीश कुमार ने कहा, सिमिकोट व हिल्सा से करीब 675 तीर्थयात्रियों को निकाला गया है। 53 नागरिक उड़ानों तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए संचालित किया गया और 142 हेलीकॉप्टर उड़ानों की मदद ली गई है।

उन्होंने कहा, हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। हमारे 50 तीर्थयात्री सुरखेट व 516 सिमिकोट में है। इन्हें निकालने का काम जारी है।

उन्होंने कहा कि कोई संकट जैसी स्थिति नहीं है और तीर्थयात्री मौसम की वजह से फंसे हैं।

उन्होंने कहा, अगर आप हमारी वेबसाइट पर परामर्श को देखते हैं, खासकर नेपाल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के लिए तो हमेशा एक स्थिति होती है कि जब आप इन बिंदुओं से गुजरते हैं तो मौसम खराब हो सकता है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि प्रतिकूल मौसम की वजह से नागरिक विमान संचालित नहीं हो सके।

कुमार ने कहा कि एमईए कैलाश मानसरोवर यात्रा दो मार्गो-लिपुलेख व नाथुला के जरिए आयोजित करता है।

उन्होंने कहा, इस यात्रा को निजी टूर संचालक द्वारा आयोजित किया जाता है। हम निजी टूर संचालक के माध्यम से काम कर रहे हैं। वे ही लोग उनके भारत आने के लिए व्यवस्था करेंगे। जैसा की हमने कहा कि ऐसे तीर्थयात्रियों भी हैं जो ऊपर जा रहे हैं। ऐसे में कुछ बंद नहीं हुआ है।

अधिकारी ने कहा कि फंसे हुए लोगों को अच्छी सुविधाओं वाले जगहों पर लाने का प्रयास जारी है। कैलाश मानसरोवर से नेपाल के जरिए लौट रहे भारतीय तीर्थयात्री शनिवार से खराब मौसम की वजह से फंस गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, फंसे हुए लोगों के लिए अधिक ऊंचाई पर सांस से जुड़ी बीमारी प्रमुख चिंता बनी हुई है। इस साल की शुरुआत में इसी वजह से आठ लोगों की मौत हुई थी। साल 2017 में 20 मानसरोवर तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी।

कैलाश मानसरोवर समुद्र तल से 5,950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। करीब 52 किमी के मानसरोवर सर्किट को पूरा करने में तीन दिन लगते हैं। ज्यादातर ऊंचाई से जुड़ी मौतें इसी सर्किट में होती हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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