Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

ये हैं दुनिया की सबसे डरावनी सीढ़ियां, चढ़ना तो दूर देखकर उल्टे पांव भाग जाएंगे आप

Published

on

Loading

इंसान को रोमांच बेहद पसंद है। रोमांच के लिए इंसान कहां कहां नहीं जाता। आइये आज आपको दुनिया की उन जगहों के बारे में बताते हैं जहां रोमांच के साथ साथ डर भी काफी ज्यादा है। हम आपको उन जगहों की तस्वीरों से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसे देखकर आप यकीनन हैरान हो जाएंगे। यह जगहें डर और रोमांच का अद्भुत संगम है। आज आपको दुनिया की सबसे खतरनाक और डरावनी सीढ़ियों की तस्वीरें दिखाने वाले हैं हम आपको इन सीढ़ियों के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

साभार – INTERNET

संत हेलेना – अटलांटिक महासागर में मौजूद यह एक छोटा सा आयरलैंड है जिस पर ब्रिटेन का कब्जा है। यहां की पहाड़ी पर एक बेहद खतरनाक सीढ़ी है जिसका निर्माण 1829 में किया गया था पुराने जमाने में इन सीढ़ियों का प्रयोग शहर तक सामान लाने ले जाने के लिए किया जाता था लेकिन अब यह टूरिस्ट अट्रैक्शन बन गया है इस सीढ़ी में लगभग 1500 स्टेप है।

साभार – INTERNET

पायलों डेल डियाब्लो वॉटरफॉल, इक्वाडोर – यह सीढ़ियां एक झरने तक पहुंचने के लिए बनाई गई है इसके दोनों और रेलिंग भी है। ताकि यहां आने वाले सैलानियों को सुरक्षा मिल सके। इन सीढ़ियों से आप दुनिया का सबसे खूबसूरत नजारा देख सकते हैं।

साभार – INTERNET

हाफ डोम, केबल रूट, कैलिफ़ोर्निया – कैलिफोर्निया में मौजूद एक ऊंची चट्टान पर चढ़ने के लिए रस्सियों का सहारा लिया जाता है। जमीन से पहाड़ की चोटी पर पहुंचने के लिए 13 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। यह रास्ता बेहद जोखिम भरा और खतरनाक है।

साभार – INTERNET

मोंट ब्लैंक, फ्रांस – ऐल्प्स की पहाड़ियों में मौजूद यह सीढ़ियां आपको बेहद खूबसूरत नज़ारे के दर्शन कराती हैं। साल के ज्यादातर समय यह पहाड़ बर्फ से ढके रहते हैं।

साभार – INTERNET

माउंट हुएशन हैवेनली स्टैर्स , चीन – उम्मीद करते हैं कि आपको ऊंचाई से डर नहीं लगता होगा। क्योंकि इस लिस्ट में अगली जगह चाइना की इन सीढ़ी ने बनाई है। यह सीढ़ियां एकदम खड़ी अवस्था में है, कमजोर दिल वाले लोग इस सीढ़ी को देखते ही भाग जाते हैं।

साभार – INTERNET

फ्लोरली स्टैर्स, नॉर्वे – नॉर्वे कि यह सीढ़ी एक पाइप लाइन के साथ-साथ ऊपर तक जाती हैं। यह दुनिया की सबसे लंबी सीढ़ी है।

साभार – INTERNET

तैहांग माउंटेन्स स्पाइरल स्टेर्कसे , चीन – चाइना की इस सीढ़ी पर 60 साल से अधिक के लोगों का चढ़ना मना है,क्योंकि इस सीढ़ी पर चढ़ने के लिए आपका फिट होना बहुत जरूरी है।

साभार – INTERNET

अंगकोर वाट टेम्पल स्टैर्स, कम्बोडिया – दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर अंकोरवाट में कुछ इस तरह की सीढ़ियां हैं। जिन पर बहुत ही कम लोग चढ़ने की हिम्मत जुटा पाते हैं। यह सीढ़ियां एकदम खड़ी स्थिति में है।

साभार – INTERNET

बटु केव्स, मलेशिया – कुआलालंपुर के नजदीक यह एक मशहूर हिंदू मंदिर है। यहां पर बहुत सारी गुफाएं मौजूद हैं। इन गुफाओं तक लोग एक खतरनाक सीढ़ी से चढ़कर पहुंचते हैं। रास्ते में बहुत सारे बंदर मिलते हैं, जो आपका सामान छीनने की कोशिश करते हैं।

साभार – INTERNET

माचू पिच्चू – साउथ अमेरिका में मौजूद यह जगह बहुत प्रसिद्ध है। इसके नजदीक एक पहाड़ी पर पहुंचने के लिए ये सीढ़ियां बनाई गई है। यह सीढ़ियां लकड़ी से बनी है और इन पर चढ़ना बेहद जोखिम भरा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

Continue Reading

Trending