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कृषि को पोषण-समृद्ध बनाने किसानों को शिक्षित करें : नायडू

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नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)| उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को यहां कहा कि सरकार, सिविल सोसाइटी, वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं को कृषि को निर्वहनीय एवं पोषण-समृद्ध बनाने के लिए किसानों के साथ आवश्यक ज्ञान और विशेषज्ञता साझा करना चाहिए।

पोषण के लिए कृषि का लाभ उठाने पर एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय परामर्श सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने भारतीय कृषि एवं अनुसंधान परिषद तथा कृषि विज्ञान केंद्र जैसे संस्थानों से किसानों को शिक्षित बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने की अपील की।

इस अवसर पर तमिलनाडु के मात्स्यिकी एवं कार्मिक तथा प्रशासनिक सुधार मंत्री डी. जयकुमार, कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह बहुत निराशाजनक है कि केंद्र एवं राज्यों में विभिन्न सरकारों द्वारा प्रयास किए जाने के बावजूद भारत में अस्वीकार्य स्तर पर कुपोषण की समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि देश की आबादी स्वस्थ एवं उत्पादक बनी रहे, इसके लिए इस समस्या का युद्ध स्तर पर समाधान आवश्यक है।

उन्होंने कहा, भारत सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए सितंबर 2017 में राष्ट्रीय पोषण कार्यनीति को अंगीकरण किया है। इस नीति में हमारी कृषि नीति पर फिर से गौर करने की आवश्यकता बताई गई है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, भारतीय कृषि को निश्चित रूप से प्रमुख फसलों की एकल फसलीकरण से अलग हट कर एक ऐसी पद्धति की ओर बढ़ने की जरूरत है, जिससे खाद्य उत्पादन विविधीकृत हो। इसमें छोटे कदन्नों, दलहनों, फलों एवं सब्जियों समेत कई खाद्य वस्तुएं समेकित की गई हों।

उन्होंने कहा कि कदन्न जैसे पौषणिक रूप से समृद्ध फसलों के लिए एक बाजार के सृजन की आवश्यकता है और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये उन्हें बढ़ावा देना या उनकी आपूर्ति करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों को विभिन्न खाद्यों के पौषणिक मूल्य के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एम.एस. स्वामीनाथन द्वारा दिए गए परामर्शो के अनुरूप कृषि, पोषण एवं स्वास्थ्य को एकीकृत करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण के अनुरूप भारत सरकार की राष्ट्रीय पोषण कार्यनीति 2017 में कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण के महत्व को स्वीकार किया गया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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