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हिमाचल में औषधीय खेती को मिल रहा बढ़ावा

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शिमला, 5 अगस्त (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश में किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर औषधीय पौधों की खेती और उनके संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत सरकार स्थापित किसान समूहों के लिए वित्तीय सहायता मुहैया करा रही है। वित्तीय सहायता का लाभ पाने के लिए प्रत्येक समूह के पास कम से कम दो हेक्टेयर जमीन होना जरूरी है।

सरकार के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, एक समूह 15 किलोमीटर दायरे से सटे तीन गांवों से हो सकता है। औषधीय पौधों की खेती के लिए गिरवी भूमि का भी उपयोग किया जा सकता है।

राष्ट्रीय आयुष मिशन औषधीय पौधों- अतिस, कुथ, कुटकी, सुगंधवाला, अश्वगंधा, सर्पगंधा और तुलसी की खेती के लिए एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दे रहा है। इसके अलावा दो गोदामों और सुखाने के दो शेड के निर्माण के लिए 40 लाख रुपये अलग से दिए जाएंगे।

राज्य के आयुर्वेद निदेशक संजीव भटनागर ने कहा कि राज्य में औषधीय पौधों के लिए 2017-18 में आयुष मिशन द्वारा 75.54 लाख रुपये मंजूर किए गए थे।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय औषधीय संयंत्र बोर्ड ने मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में एक क्षेत्रीय सह-सुविधा केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी है।

केंद्र पांच राज्यों और एक संघ शासित प्रदेश में औषधीय पौधों की खेती और संरक्षण को बढ़ावा देगा। इन राज्यों में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ शामिल हैं।

हिमाचल प्रदेश के उना, बिलासपुर, हमीरपुर, सिरमौर, कंगड़ा, सोलन और मंडी जिले उप उष्णकटिबंधीय शिवालिक पहाड़ियों के अंतर्गत आते हैं और इस क्षेत्र में औषधीय पौधों की 160 प्रजातियों की खेती की जाती है।

वहीं किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू जैसे जनजातीय जिले और कंगड़ा व शिमला के कुछ जिले, जो 2,500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित हैं, वहां उपयोगी औषधीय पौधों का उत्पादन किया जाता है।

इन पौधों में पेटिस, बत्सनभ, अतिस, ट्रैगेन, किर्मला, रत्नजोत, काला जीरा, केसर, सोमलता, जंगली हींग और खुरसानी अजवाइन शामिल हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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