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राज्यसभा में सरकार की हुई फजीहत

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| राज्यसभा में शुक्रवार को एक निजी सदस्य के प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से वोटिंग करवाने पर जोर देने पर नरेंद्र मोदी सरकार को फजीहत झेलनी पड़ी। निजी सदस्य के प्रस्ताव में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों के आरक्षण को किसी भी राज्य में अस्वीकार नहीं करने की बात सुनिश्चित करने के लिए संविधान के अनुच्छे 341 और 342 में संशोधन की मांग की गई थी।

प्रस्ताव में कहा गया था कि इन जातियों के लोग जब रोजगार की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं और वहां स्थाई रूप से बस जाते हैं तो उन्हें आरक्षण के लाभ के लिए अपात्र समझा जाता है।

प्रस्ताव समाजवादी पार्टी के सांसद विश्वंभर प्रसाद निषाद ने लाया था।

सरकार को फजीहत झेलनी पड़ी, क्योंकि सदन में प्रस्ताव को खारिज करने के लिए सरकार को प्रस्ताव के विरोध में वोट करना पड़ा। विपक्ष ने इसपर सरकार को दलित विरोधी और मनुवादी होने का आरोप लगाया। प्रस्ताव के पक्ष में 32 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 66 वोट पड़े।

अगर यह प्रस्ताव पारित होता तो सरकार को अगले ही सत्र में इसे कानूनी जामा पहनाने के लिए संसद में विधेयक लाना पड़ता।

विपक्ष द्वारा असाधारण तरीके से मत विभाजन पर जोर डालने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रस्ताव पर मतविभाजन का आदेश दिया, हालांकि वरिष्ठ मंत्री ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सदन में एक नया दृष्टांत पेश किया जा रहा है।

सांसद आमतौर पर निजी सदस्यों के प्रस्तावों पर चर्चा करने और सरकार की ओर से आश्वासन मिलने पर उन्हें वापस ले लेते हैं।

हालांकि शुक्रवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने बहस के दौरान जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार दलित और अनुसूचित जनजाति के कल्याण को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन वह तुरंत वैसा बदलाव नहीं ला सकती है, जिसकी प्रस्ताव में अपेक्षा की गई है। निषाद ने कहा कि वह सदन में इस मसले पर वोट करवाना चाहते हैं।

सत्ता पक्ष के विरोध के बीच, पीठासीन अधिकारी ने कहा कि वोटिंग किए बगैर इसे स्थगित नहीं किया जा सकता है। विपक्षी सांसदों ने मेज थपथपा कर इसका स्वागत किया।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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