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तो क्या भोजपुरी वाली मोनालिसा हमेशा से ‘डायन’ ही बनना चाहती थीं?

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मुंबई। आजकल टीवी पर एक सीरीयल की काफ़ी ज़ोरदार तरीके से चर्चा है। नाम है ‘नज़र’। कोई कुछ भी कहे, कितना भी कहे कि शो अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहा है लेकिन शो की टीआरपी अन्य पारंपरिक धारावाहिकों के मुकाबले अच्छी है। शो में डायन का किरदार निभा रहीं भोजपुरी स्टार मोनालिसा के मुताबिक वो हमेशा से ही ऐसा किरदार निभाना चाहती थीं।

‘नजर’ में डायन के किरदार में नज़र आ रहीं भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री मोनालिसा ने कहा कि वह लंबे समय से टीवी पर नकारात्मक किरदार निभाने का मौका मिलने का इंतजार कर रही थीं। डायन जैसे विचित्र किरदार निभाने पर उन्होंने कहा कि, “इस सीरियल का सब्जेक्ट मुझे बहुत रोमांचक लगा, जो सुपरह्युमन्स के बारे में बात करता है और यह दिखाता है कि हमारे जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?” उन्होंने कहा, “मैंने पहले कभी इस तरह के शो में काम नहीं किया है और एक अभिनेत्री के रूप में मैं ऐसे प्रोजेक्ट से जुड़ने में खुशी महसूस करूंगी।”

आपको बता दें कि मोनालिसा का असली नाम अंतरा विश्वास है। मोनालिसा भोजपुरी की कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं। वो बिग बॉस के सीज़न-10 में भी नज़र आईं थी। इसी शो में मोनालिसा ने भोजपुरी अभिनेता विक्रांत के साथ शादी रचाई थी।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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