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मुख्य समाचार

त्रिपुरा के अधिकारी बंगाल में मनरेगा का अध्ययन करेंगे

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अगरतला, 21 अगस्त (आईएएनएस)| भाजपा शासित त्रिपुरा के अधिकारी ग्रामीण रोजगार योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के निष्पादन का अध्ययन करने के लिए तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। त्रिपुरा ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी ने कहा, मनरेगा के निष्पादन और कार्यान्वयन के अध्ययन के लिए त्रिपुरा के 10 अधिकारी सोमवार से ही पूर्वी मिदनापुर जिले के दौरे पर हैं।

अतिरिक्त सचिव प्रदीप कुमार चक्रबर्ती टीम की अगुवाई कर रहे हैं, जिसमें आठ जिलों के आठ बीडीओ और विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सलाह के बाद यह अध्ययन किया जा रहा है। आगंतुक अधिकारी यह सीखेंगे कि कैसे इस ग्रामीण रोजगार परियोजना के कार्यान्वयन से बेहतरीन सफलता पाई जा सकती है।

त्रिपुरा में वाम शासन के दौरान, वित्त वर्ष 2015-16 तक, राज्य ने मनरेगा के अंतर्गत रोजगार प्रदान करने में पूरे देश में लगातार सात वर्षो तक शीर्ष स्थान हासिल किया था।

वित्त वर्ष 2015-16 में, प्रति घर औसत रोजगार की दर 94.46 थी।

मौजूदा वित्त वर्ष(2018-19) में अबतक, भाजपा सरकार ने प्रति घर केवल 14.21 की दर से रोजगार मुहैया कराया है, जबकि 2017-18 के दौरान यह दर 33.68 थी।

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य माणिक सरकार ने कहा कि बीते पांच महीनों में आम लोगों की जिंदगी और जीविका संकट में है, क्योंकि मनरेगा के अंतर्गत गरीबों और जनजातीय लोगों के रोजगार और सरकार द्वारा शुरू की गई त्रिपुरा शहरी रोजगार कार्यक्रम की स्थिति डांवाडोल है।

उन्होंने मंगलवार को मीडिया से कहा, जब लोग ग्रामीण, शहरी रोजगार के आभाव में मर रहे हैं, विपक्षी कार्यकर्ता और पार्टी के बदमाश विपक्षी पार्टी के समर्थकों, उनके घरों और संपत्तियों पर लगातार हमला कर रहे हैं। इनलोगों ने 54 रबड़ बागानों को नष्ट कर दिया और बड़ी संख्या में मछली के तालाबों को विषाक्त कर दिया है।

भाजपा नेता प्रतिमा भौमिक ने हालांकि इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि पांच महीनों में त्रिपुरा में कोई भी राजनीतिक हिंसा नहीं हुई है। उन्होंने इस दौरान मनरेगा के बेहतर प्रदर्शन का दावा किया।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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