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एमआईईक्यू की समयसीमा बढ़ने से कच्ची चीनी का होगा निर्यात

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नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)| सहकारी चीनी मिलों का शीर्ष संगठन राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) ने गुरुवार को चीनी निर्यात कोटा की समय सीमा बढ़ाने के सरकार के फैसला का स्वागत किया है। चीनी उद्योग संगठन ने कहा कि इससे अगले सीजन की कच्ची चीनी का निर्यात करना आसान हो जाएगा। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार को चीनी मिलों को जारी नोटिस के अनुसार, न्यूनतम सांकेतिक निर्यात कोटा (एमआईईक्यू) के तहत चीनी निर्यात की समय सीमा 30 सितंबर 2018 से तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी गई है। नोटिस में कहा गया कि इस दौरान चीनी उत्पादन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-नवंबर) और अगले सीजन 2018-19 की चीनी निर्यात की जा सकती है।

एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक, प्रकाश नाइकनवरे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सरकार ने जो एमआईईक्यू स्कीम के तहत चीनी निर्यात की समयसीमा तीन महीने बढ़ाई है, इससे अगले पेराई सीजन में कच्ची चीनी बनाकर बेचना संभव होगा।

उन्होंने कहा, हमारे पास चालू सीजन में पर्याप्त परिमाण में सफेद चीनी है, लेकिन वैश्विक बाजार में इसकी मांग बहुत कम है और हम चीनी बेच नहीं पा रहे हैं। अब तक महज चार लाख टन निर्यात का सौदा हुआ है और 30 सितंबर को सीजन के आखिर तक ज्यादा से ज्यादा पांच लाख टन चीनी का निर्यात हो सकता है।

नाइकनवरे के अनुसार, सरकार के इस फैसले से मिलें अब कच्ची चीनी बनाकर बेच सकती हैं जिसकी विदेशों में मांग है। उन्होंने कहा, कच्ची चीनी हम चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका और खाड़ी देशों को बेच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी तरह देश से चीनी बाहर जाएगी और स्टॉक में कमी आएगी तो घरेलू कीमतों में सुधार होगा।

केंद्र सरकार ने मौजूदा चीनी वर्ष 2017-18 में 20 लाख टन चीनी का निर्यात करने का कोटा तय किया था, जिसके लिए सरकार प्रति क्विं टल गो की पेराई पर मिलों को 5.50 रुपये की दर से गो की लागत मूल्य में राहत प्रदान करते हुए यह राशि सीधे किसानों के खाते में जमा करती है।

नाइकनवरे ने कहा कि 31 दिसंबर तक संभव है कि यह लक्ष्य हासिल हो जाए, क्योंकि कच्ची चीनी का निर्यात आसानी से किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, हमने सरकार से 31 दिसंबर तक इस स्कीम को बढ़ाने की मांग करते हुए यही तर्क भी दिया था, जिसे सरकार ने स्वीकार किया है। हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं।

देश में इस साल 322 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि अगले साल के लिए चीनी उद्योग ने 350-355 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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