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प्रादेशिक

गोवा : एलजीबीटी मुद्दे पर मंत्री का यूटर्न

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पणजी| गोवा के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री रमेश तावड़कर ने दो महीने पहले एलजीबीटी युवाओं के इलाज के लिए चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की योजना घोषित की थी। लेकिन अब उन्होंने इस तरह की योजना से इंकार कर दिया है। गोवा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान तावड़कर ने सदन में कहा कि राज्य में हाल ही में पेश की गई युवा नीति के तहत समलैंगिक और किन्नर (एलजीबीटी) युवाओं को शामिल किया गया है। लेकिन उन्होंने एलजीबीटी के इलाज के लिए केंद्र स्थापित करने की योजना से इंकार किया।

तावड़कर ने कहा, “इस नीति के तहत लक्षित समूहों में लांछित युवाओं (एलजीबीटी) का उल्लेख है। हालांकि, युवा नीति में इस बात का जिक्र नहीं है कि इसमें एलजीबीटी पर ध्यान दिया जाएगा।”

इस साल जनवरी में गोवा सरकार की युवा नीति पेश करने के दौरान तावड़कर ने संवाददाताओं को बताया था कि उनके मंत्रालय के पास एलजीबीटी युवाओं के इलाज के लिए नशामुक्ति केंद्रों की तरह चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की योजना हैं।

तावड़कर ने कहा था, “हम उन्हें सामान्य बनाएंगे। उनके लिए नशामुक्ति केंद्रों की तरह एक विशेष चिकित्सा केंद्र की स्थापना की जाएगी। हम उन्हें दवाइयों के साथ प्रशिक्षण भी देंगे।”

इस बयान से राष्ट्रीय स्तर पर उपजे रोष को देखते हुए गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने हस्तक्षेप कर तावड़कर को सार्वजनिक रूप से फटकार भी लगाई थी।

तावड़कर ने कहा कि राष्ट्रीय युवा नीति में एलजीबीटी समुदाय को शामिल किया गया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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