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एमयूनि कैम्पस में एड्यूटेक कांग्रेस के दूसरे संस्करण का सफल समापन

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नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| हायर एजुकेशनल डिजिटल स्टैमक और इन्फ्रा प्रदाता एमयूनि कैम्पस ने दिल्ली में भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली के विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के लिए एड्यूटेक कांग्रेस-2018 के दूसरे संस्करण का सोमवार को सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस शिखर सम्मेलन का थीम ‘डिजिटल स्टैक और एआई द्वारा उच्च शिक्षा में बदलाव’ था। इस एक दिवसीय सम्मेलन का मुख्य फोकस की-नोट्स, पैनल चर्चाओं, केसेज और विभिन्न तकनीक प्रदर्शनों के माध्यसम से उच्च शिक्षा के छह स्तंभों और कैसे इससे क्षमतावर्धन हो सकता है, पर था, जो भारतीय उच्च शिक्षा को जीवन्तम बनाने और उसे भविष्य के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है।

इस कार्यक्रम के सम्माननीय अतिथि ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्त्रबुद्धे थे और इसका संचालन एमयूनि संस्थापक और एजिस स्कूल ऑफ डेटा सांइस के सीईओ भूपेश दहेरिया ने किया।

प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्ध, ने कहा, हमारी शिक्षा प्रणाली में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उसमें कॉलेजों और उपलब्ध सीटों की संख्या, तकनीक की कमी, नौकरियों के लिए कुशल प्रतिभा की कमी और कई अन्य हैं। एमयूनि प्लेटफॉर्म ने शिक्षा के छह स्तंभों, जिसमें कार्यक्रम के लॉन्च से लेकर, कार्यक्रम के लिए विज्ञापन, छात्रों के प्रवेश, स्टाफिंग, प्रशिक्षण, शिक्षण, प्रवेश प्रक्रिया और नियुक्तियों तक का प्रदर्शन किया है। एड्यूटेक कांग्रेस सभी शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ लाने और एक दूसरे के साथ जोड़ने और सहयोग के लिए एक अनूठा मंच है। भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में तकनीक को अपनाना दक्षता में सुधार के लिए अत्यतन्त महत्वपूर्ण हो गया है।

भूपेश दहेरिया ने कहा, मुंबई में एड्यूटेक कांग्रेस-2018 एक शानदार सफलता रही और इसके पहले संस्करण की सफलता ने हमें तकनीक के व्यापक परिप्रेक्ष्य और शिक्षा के क्षेत्र में इसकी भूमिका पर चर्चा करने के लिए एड्यूटेक कांग्रेस को दिल्ली में आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया। वर्तमान में, एआई और डिजिटल टेक्नोलॉजीज, शिक्षा के क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों जैसे लनिर्ंग आउटकम, प्लेसमेंट, प्रवेश, स्किलिंग और कोर्स पाठ्यक्रम डिजाइन में बदलाव लाने के लिए प्रमुख उत्प्रेरक का काम कर रही है। शिक्षा क्षेत्र के सभी स्टेकहोल्डर्स से शानदार प्रतिक्रिया पाने की मुझे अत्यन्त खुशी है।

कार्यक्रम में पाठ्यक्रम डिजाइन के लिए चुनौतियां और बेस्ट प्रेक्टिसिस, पाठ्यक्रम डिजाइन करने के लिए एआई और बिग डेटा आधारित मोड, तकनीक के उपयोग से लनिर्ंग आउटकम और शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन, आउटरीच और बेहतर नामांकन के लिए तकनीक का उपयोग, विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम से आगे स्किलिंग, उद्योगों के सहयोग से सेन्टर फॉर एक्सीसलेंस कैसे स्थापित करें, तकनीक टूल्स और एआई का उपयोग कर जॉब प्लेटसमेंट में सुधार आदि पर एक पैनल चर्चा, तकनीकी डेमो और केस उपयोग देखे गये।

एड्यूटेक कांग्रेस-2018 उच्च शिक्षा लीडर्स, चांसलर्स, वीसी, प्लेसमेंट हेड्स, एडमिशन हेड्स, ट्रस्टी, निदेशकों, प्रधानाचार्यों, डीन और शिक्षा प्रौद्योगिकी सेवाओं और समाधान प्रदाताओं के लिए जुड़ने, सहयोग और केसेज के आधार-प्रदान और कैसे तकनीक का उपयोग करके शैक्षणिक संस्थानों को भविष्य के लिए तैयार किया जाए, विभिन्न प्रक्रियाओं और गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए एक अनूठा प्लेटफॉर्म है।

एड्यूटेक कांग्रेस, दिल्ली 2018 में शामिल प्रमुख वक्ताओं में विभिन्न शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, आदि के दिग्गज प्रतिनिधि प्रमुख थे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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