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जेटली ने भागने में माल्या की मदद की : राहुल गांधी

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नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली पर भगोड़े कारोबारी विजय माल्या से सांठगांठ करने व उसे देश से भागने के लिए खुला रास्ता देने का आरोप लगाया और जेटली के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत में राहुल ने कहा कि वित्तमंत्री को जब पता था, तब उन्होंने माल्या के देश छोड़ने की योजना की जानकारी जांच एजेंसियों को क्यों नहीं दी? उन्होंने पुलिस, सीबीआई या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सूचित क्यों नहीं किया?

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, इससे पता चलता है कि साफ तौर पर सांठगांठ थी। जेटली को माल्या से मुलाकात की बात कबूल करनी चाहिए और माल्या के खुलासे के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

राहुल गांधी ने कहा, वित्तमंत्री एक भगोड़े (माल्या) से बात करते हैं और भगोड़ा वित्तमंत्री से कहता है कि ‘मैं लंदन जा रहा हूं।’ फिर भी वित्तमंत्री सीबीआई, ईडी या पुलिस को नहीं बताते हैं। क्यों? क्या ऐसा करने के लिए उन पर ऊपर से दबाव था?

उन्होंने कहा, वित्तमंत्री ने माल्या को देश छोड़ने के लिए खुला रास्ता दे दिया। अब सच्चाई देश के सामने आ जाने के बाद जेटली तुरंत इस्तीफा दें।

राहुल ने आरोप लगाया कि माल्या के देश से बाहर जाने के लॉजिस्टिक्स पर बैठक में चर्चा की गई थी।

वहीं, कांग्रेस नेता पी.एल.पुनिया ने दावा किया कि जेटली व माल्या के बीच बैठक 15 से 20 मिनट चली। उन्होंने आरोप लगाया कि माल्या ने विदेश जाने की अपनी योजना के बारे में सलाह के बाद जेटली से देश छोड़ने की अनुमति ली। जेटली ने यह बात छुपा ली। देश को पता तब चला, जब अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि माल्या तो भाग गया।

पुनिया ने कहा, केंद्रीय बजट पेश किए जाने के एक दिन बाद बैठक एक मार्च, 2016 को हुई। सेंट्रल हॉल में माल्या व जेटली खड़े थे और इसी इरादे से बात कर रहे थे। फिर वे सेंट्रल हॉल की बेंच की तरफ चले गए और बैठकर बात करने लगे।

पुनिया ने कहा, इसके बाद 3 मार्च को खबर आई कि माल्या 2 मार्च को देश छोड़कर भाग गया। मेरी पहली प्रतिक्रिया थी कि मैंने दोनों को एक दिन पहले सेंट्रल हॉल में एक साथ बैठे देखा था।

सांसद ने कहा कि उन्होंने मीडिया से बातचीत में उस बैठक के बारे में जिक्र किया था।

उन्होंने कहा, मुझे आश्चर्य है कि बीते ढाई साल से वित्तमंत्री ने माल्या के साथ उस बैठक के बारे में कभी जिक्र नहीं किया। वह कोई अनौपचारिक नहीं, बल्कि औपचारिक बैठक थी। संसद में सीसीटीवी की सुविधा है और उनकी बैठक को फुटेज से सत्यापित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, यह बहुत साफ है कि माल्या ने जेटली से परामर्श करने के बाद उनसे अनुमति ली। हमारा आरोप व निष्कर्ष है कि माल्या जेटली की सहमति से देश छोड़कर भागा।

पुनिया ने कहा, यह एक गंभीर मुद्दा है। अगर इस बात में सच्चाई नहीं है तो या तो वह (जेटली) राजनीति छोड़ दें या मैं छोड़ दूंगा।

जेटली पर तंज कसते हुए राहुल गांधी ने कहा, बीते रोज जेटली ने कहा था कि माल्या ने उनसे अनौपचारिक रूप से संपर्क किया था। वह लंबे ब्लॉग लिखते हैं, लेकिन अपने किसी भी ब्लॉग में इस वाकये को लिखना भूल जाते हैं।

उन्होंने कहा, हमारा पहला सवाल है कि भगोड़ा, वित्तमंत्री से कहता है कि मैं लंदन जा रहा हूं और वित्तमंत्री इसका जिक्र सीबीआई, ईडी या पुलिस से नहीं करते हैं। मेरा दूसरा सवाल है कि माल्या के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस को किसने कमजोर किया। किसने इसमें बदलाव किया? यह सिर्फ एक ही व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है, जो सीबीआई को नियंत्रित करता हो।

उन्होंने कहा कि वह यह भी जानना चाहते हैं कि क्या माल्या को भगाने का फैसला जेटली ने स्वयं लिया या उन्हें यह आदेश ऊपर से आया था।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री फैसले लेते हैं और जेटली उन्हें सुनते हैं। क्या उन्होंने (जेटली) उसे जाने दिया या आदेश ऊपर से आया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या माल्या से जेटली की मुलाकात महज एक संयोग था? राहुल ने कहा, यह एक संयोग कैसे हो सकता है? वित्तमंत्री पर आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी है, उसे बचाने की नहीं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, यह स्पष्ट रूप से मिलीभगत है, देश छोड़कर भागने वाले अपराधी के साथ वित्तमंत्री की सांठगांठ थी।

राहुल ने कहा, सरकार राफेल पर तो झूठ बोल ही रही है, अब माल्या पर भी झूठ बोल रही है। इस मामले में हम जो भी कर सकते हैं, करेंगे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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