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मुख्य समाचार

दिल्ली वासियों के अस्थि पंजर हो रहे ढीले

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नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली में बोन डेनसिटोमीटर की जांच के आंकड़ों पता चला है कि 60 प्रतिशत से अधिक लोग गठिया चपेट में आने के करीब हैं, और 20 प्रतिशत लोग गठिया के किसी न किसी प्रकार से पीड़ित हैं। उनमें से कइयों के लिए आने वाले दिनों में घुटने बदलवाने की नौबत आने वाली है।

विश्व गठिया दिवस पर सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल बीएलके ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के हड्डी एवं जोड़ के स्वास्थ्य का आकलन किया, जो आंख खोलने वाला है। विभिन्न इलाकों में नौ अक्टूबर से अस्पताल द्वारा आयोजित एक सप्ताह के शिविरों में यह बात सामने आई कि दिल्ली गठिया की महामारी के कगार पर पहुंच चुकी है।

अस्पताल की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि बोन डेंसिटोमीटर की जांच से यह पता चला कि लोगों की हड्डियां कम अस्थि घनत्व (लो बोन डेनसिटी) की वजह से बेजान हो रही हैं। सिर्फ उम्रदराज ही नहीं, अनेक युवाओं में भी गठिया के लक्षण हैं।

बयान के अनुसार, इन शिविरों से यह नतीजा निकला कि दिल्ली के लोगों में निम्न अस्थि घनत्व (लो बोन डेंसिटी) का पाया जाना गंभीर चिंता का विषय है। चिंता तब और बढ़ जाती है, जब यह पता चले कि लोग अपनी हड्डी और जोड़ों के बिगड़ते स्वास्थ्य के प्रति बेफिक्र हैं।

बीएलके अस्पताल ने 14 अक्टूबर को अपने अहाते में एक विशाल शिविर का आयोजन भी किया।

इस मौके पर नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने गठिया के आसन्न संकट से बचने के उपायों की जरूरत पर बल देते हुए चिंता जताई कि युवा भी कमजोर हड्डी की स्थिति के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएलके अस्पताल जैसे चेतना अभियान समय की मांग हैं। अस्पताल की अध्यक्ष रीता चौधरी और अस्पताल की मेडिकल सेवाओं के प्रमुख डॉ. संजय मेहता मौके पर मौजूद रहे।

बयान के अनुसार, शिविर में करीब 200 लोगों ने स्वास्थ्य जांच के लिए मुफ्त ओपीडी, बोन डेंसिटोमीटर से मुफ्त जांच, योग व फिजियोथेरेपी सत्रों का लाभ उठाया। अस्पताल के जाने-माने सीनियर कंसल्टेंट रुमेटोलाजिस्ट डॉ. विशाल कौरा अग्रवाल ने उन्हें हड्डी के स्वास्थ्य की स्थिति सुधारने के उपाय बताए।

बयान में कहा गया है कि बैठे ठाले एवं निष्क्रिय पड़े रहना, विटामिन डी की कमी, उच्च कैलोरी वाले भोजन का सेवन, मोटापा, कुपोषण आदि गठिया रोग के कुछ कारण हैं।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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