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अमेरिका ने खाशोगी मामले में सऊदी को संदेह का लाभ दिया

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वाशिंगटन, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खाशोगी के लापता होने के मामले में सऊदी अरब पर आरोप लगाने की जल्दबाजी न करने के लिए सचेत किया है। ट्रंप ने मीडिया से कहा कि रियाद के साथ ‘निर्दोष साबित होने से पहले ही दोषी’ जैसा व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि क्राउन पिं्रस मोहम्मद बिन सलमान ने खाशोगी के बारे में किसी भी जानकारी से इंकार किया है।

ट्रंप ने ट्वीट किया कि क्राउन प्रिंस ने उनसे फोन पर बातचीत की और ‘तुर्की स्थित वाणिज्यिक दूतावास में क्या हुआ, इस बारे में किसी भी जानकारी से इंकार किया।’

ट्रंप ने कहा, “उन्होंने मुझसे कहा कि इस संबंध में पहले ही एक संपूर्ण जांच शुरू की जा चुकी है और वह इसे तेजी से आगे बढ़ाएंगे। इसका जवाब जल्द मिलेगा।”

बीबीसी के अनुसार, दोनों नेताओं ने फोन पर ऐसे समय बातचीत की है, जब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो को संबंधों में उत्पन्न खटास को दूर करने के लिए वहां भेजा गया है। पॉम्पियो बुधवार को तुर्की जाएंगे।

बीबीसी के अनुसार, तुर्की के एक अनाम अधिकारी ने कहा कि इस्तांबुल में सऊदी दूतावास की तलाशी से इस बात के और सबूत मिले हैं कि सऊदी के आलोचक की वहां हत्या कर दी गई है।

वाशिंगटन पोस्ट के लिए कॉलम लिखने वाले और सऊदी नेतृत्व के कठोर आलोचक को दो अक्टूबर को तुर्की में सऊदी वाणिज्यदूतावास में प्रवेश करते देखा गया था।

सऊदी अरब ने हालांकि उनकी हत्या से इंकार किया है और शुरुआत में कहा था कि वह ‘सकुशल’ इमारत से चले गए थे। न्यूयॉर्क टाइम्स और सीएनएन ने अनाम सूत्रों के हवाले से सोमवार को एक रपट में कहा था कि ‘सऊदी अरब स्वीकारेगा कि खाशोगी की मौत एक पूछताछ का परिणाम थी, जोकि गलत थी।’

न्यूयॉर्क टाइम्स की रपट के अनुसार, खाशोगी के लापता होने के मामले में तुर्की के अधिकारियों द्वारा दिए गए 15 लोगों के नामों में से चार का संबंध क्राउन पिं्रस से है, जबकि एक अन्य देश के गृह मंत्रालय का बड़ा चेहरा है।

अखबार के मुताबिक, इनमें से एक व्यक्ति की विदेश दौरे के दौरान क्राउन प्रिंस के साथ फोटो है। इस मामले के सामने आने के बाद सऊदी अरब पर अपने करीबी सहयोगियों की ओर से दबाव बढ़ता जा रहा है।

मंगलवार को, जी-7 के विदेश मंत्रियों ने सऊदी अरब से मामले की जांच ‘पारदर्शी’ तरीके से कराने का आग्रह किया था।

तुर्की में सऊदी वाणिज्यदूत के आवास पर तलाशी अभियान चलाया गया था, जो कि दूतावास से 200 मीटर की दूरी पर है, जहां खाशोगी को अंतिम बार देखा गया था।

तुर्की के अधिकारी ने कहा कि जांच में देरी हुई, क्योंकि कोई भी सऊदी का अधिकारी संयुक्त जांच में मौजूद नहीं था। वाणिज्य दूत मोहम्मद अल-ओतैबी मंगलवार को ही विमान से सऊदी अरब चले गए।

जिस दिन खाशोगी लापता हुए थे, उस दिन सऊदी राजनयिक नंबर प्लेट वाली कई कारों को एक वीडियो फूटेज में वाणिज्यदूतावास से निकलते देखा जा सकता है।

मीडिया रपट के अनुसार, सोमवार को वाणिज्यदूतावास की हुई तलाशी से ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे पता चलता है कि खाशोगी की हत्या हुई है। वहां बगान की मिट्टी और एक मेटल गेट को नमूने के तौर पर लिया गया है।

तुर्की के अधिकारियों ने पहले ही कहा है कि खाशोगी की मौत के संबंध में उनके पास ऑडियो सबूत है।

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने पत्रकारों से कहा, “जांच में कई चीजों को देखा जा रहा है, जैसे कि जहरीले पदार्थ और इन पदार्थो के ऊपर पेंट कर उसे हटा दिया गया है।”

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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