अन्तर्राष्ट्रीय
जी20 : इबोला से निपटने के लिए सभी एकजुट
ब्रिस्बेन| जी20 के नेताओं ने शनिवार को एक बयान जारी किया जिसमें इबोला महामारी से लड़ने का संकल्प लिया गया, जो कि स्वास्थ्य के मुद्दे से आर्थिक मुद्दे तक विकसित किया गया है। बयान में कहा गया, “जी20 के सदस्य इस प्रकोप से निपटने के लिए जरूरी अंतर्राष्ट्रीय प्रयास सुनिश्चित करने और मध्यम अवधि के आर्थिक और मानवीय लागत का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
यह बयान तब आया है जब, इबोला से पांच हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर मामले पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र के हैं, और यह महामारी अब अमेरिका और यूरोप में भी पैर पसार रही है। बयान में कहा गया, “हम उन देशों पर पड़ने वाले गंभीर मानवीय, सामाजिक और आर्थिक प्रभावों के प्रति सचेत हैं और इन प्रभावों के प्रसार की क्षमता से भी खबरदार हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, जी20 नेताओं ने इस प्रकोप से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र मिशन द्वारा इबोला की आपातकालीन प्रतिक्रिया के तहत चल रहे कार्य जैसे संक्रमित का इलाज करना, आवश्यक सेवाओं को सुनिश्चत करना, स्थिरता बनाए रखने और प्रकोप को फैलने से रोकना आदि का समर्थन किया। जी20 के सदस्यों ने कहा कि वे इबोला से सफलतापूर्वक लड़ने के लिए सुरक्षित परिस्थितियों को बढ़वा देने और स्वास्थ्य सेवा और राहत कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के अपने अनुभवों को सहयोगियों के साथ साझा करेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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