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Olga Ladyzhenskaya: पिता की हत्या के बाद 15 साल की उम्र में किया ऐसा काम, जिसे सुनकर हो जाएंगे हैरान

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नफरत का जवाब हमेशा नफरत नहीं हो सकता है, इस बात को वक्त-वक्त पर लोगों ने इस बात को साबित किया है। आज हम आपको एक महान गणितज्ञ की कहानी बता रहे हैं, जिनके पिता की नफरत की वजह से हत्या कर दी गई और उनके परिवार को तमाम दुश्वारियां झेलनी पड़ी। बावजूद आज वह पूरी दुनिया के लिए मिसाल हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से ठीक एक दिन पूर्व जन्मी ओल्गा विश्व भर की महिलाओं के लिए भी एक आदर्श हैं।ओल्गा लैडिज़ेनस्काया की आज 97वीं बर्थ एनिवर्सि है। ओल्गा का जन्म 07 मार्च 1922 को रूस के कोलोग्रिव कस्बे में हुआ था। 12 जनवरी 2004 को लगभग 82 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ था। आज गूगल ने डूडल के जरिए सम्मान दे रहा है। ओल्गा लैडिज़ेनस्काया रूस की महान गणितज्ञ थी। ओल्गा ने पर्शियल डिफरेंशल इक्वेशन और फ्लुइड डायनमिक्स की फील्ड में अहम योगदान दिया है। गूगल आज उनकी तस्वीर डूडल में लगाकर बर्थडे को सेलीब्रेट कर रहा है।डूडल ओल्गा की फोटो लगाए है जिसके नीचे अवकल समीकरण दिया गया है। जो उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि है। उनको शुरुआती जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ा। पिता की मृत्यू के दौरान उनको काफी नफरत का सामना करना पड़ा उसके बाद भी वो नहीं रुकीं और अपनी पहचान बनाकर दुनिया से अपना लोहा मनवाया। हम आपको बताने जा रहे हैं ओल्गा लैडिज़ेनस्काया की खास बातें।

1-ओल्गा लैडिज़ेनस्काया के पिता गणित के टीचर थे। पिता उनको गणित पढ़ाते थे, जहां से उनकी रुची गणित में हुई। 1937 में उनके पिता को सोवियत संघ की एक संस्था ने गिरफ्तार करते हुए हत्या कर दी गई। लोगों के लिए उनके पिता गुनहगार थे। ऐसे में उन्हें लोगों की नफरत सहन करना पड़ी। इस वजह से उनका दाखिला कहीं नहीं हो रहा था।

2-पिता की मौत के बाद उन्हें उच्च शिक्षा के लिए लेनिनगार्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना था, लेकिन उनकोकिन्ही कारणों की वजह से दाखिला नहीं मिला। जिसके बाद मॉस्को यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि हासिल की और लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी और मॉस्को स्टेट से 1953 में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की।

3-पढ़ाई पूरी करने के बाद ओल्गा लाड्यजहंसकाया ने बच्चो को पढ़ाना शुरू कर दिया। लेनिनग्राद यूनिवर्सिटी में बच्चों को पढ़ाई कराई। 1959 में सेंट पीटर्सबर्ग मैथमैटिकल सोसायटी की सदस्य बनीं। 1990 में पीटर्सबर्ग मैथमैटिकल सोसायटी का अध्यक्ष बनाया गया।

4-मैथमैटिक्स और फ्लुइड डायनमिक्स में योगदान के लिए उन्हें 2002 में लोमोनोसोव गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। 12 जनवरी 2004 को ओल्गा का निधन हो गया था।

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पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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