प्रादेशिक
एक पत्नी के साथ रात में दूसरी के साथ दिन में संबंध बनाता था पति, ऐसे खुला राज
नई दिल्ली। गुजरात से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां एक शख्स ने दो पत्नियों के साथ लगभग 9 साल तक रहा लेकिन दोनों को इस बात की भनक नहीं लगी।
शख्स एक पत्नी के साथ दिन में तो वहीं दूसरी के साथ रात में समय बिताता था। यह सब 9 साल तक चलता रहा है लेकिन एक दिन इस राज से पर्दा उठ गया। दरअसल, नौ साल पहले शख्स ने प्रेम विवाह किया था। उसके घर वालों को जब इसका पता चला तो उन्होंने इसे मंजूरी नहीं दी।
इसके बाद घरवालों ने सामाजिक रीति-रिवाजों से उसकी दूसरी शादी कर दी। परिवार के दबाव में उसने नौ सालों तक दोनों पत्नियों के साथ रिश्ता बनाए रखा। दूसरी पत्नी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हाल ही में जब उसे इसका पता चला तो उसने महिला हेल्पलाइन-181 में शिकायत दर्ज कर दी।
इस तरह पकड़ा गया
2011 में इस शख्स ने प्रेम विवाह किया। पहली पत्नी से उसका ढाई साल का बेटा और दूसरी से पांच साल का बेटा है। हेल्पलाइन ने जब दोनों पत्नियों से पूछा गया कि उन्हें इतने साल तक इस बात का पता कैसे नहीं चला तो उनका जवाब हैरान कर देने वाला था।
दोनों पत्नियों ने बताया कि पति कभी डे तो कभी नाइट शिफ्ट का बहाना करके घर से गायब रहता था। दूसरी पत्नी ने बताया कि कुछ दिनों पहले उसे एक पोस्ट में महिला के साथ अपने पति को देखा था। उसने जब पति से पूछा तो तस्वीर दिख रही महिला को उसने दोस्त बता दिया। कुछ दिनों बाद वो महिला उसे बाजार में मिल गई। दूसरी पत्नी ने जब वो फोटो दिखाकर महिला से पूछताछ की तो उसने बताया कि फोटो में दिख रहा शख्स उसका पति है।
ससुराल वालों ने क्या कहा….
दूसरी पत्नी का आरोप है कि जब उसने अपने पति की पहली शादी के बारे में ससुरालवालों को बताया तो उन्होंने कहा कि हमें इसके बारे में मालूम है। उन्होंने कहा कि तुम्हें जो करना है कर लो। जिसके बाद मैंने मामला दर्ज करवाया है। शिकायत के बाद से पति घर नहीं आया है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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