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प्रादेशिक

डा. जगदीश गांधी के नेतृत्व में CMS के छात्रों ने निकाला मार्च, धरती को स्वच्छ बनाए रखने का लिया संकल्प

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लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (द्वितीय कैम्पस) के छात्रों ने ‘पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) के उपलक्ष्य में आज सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा जगदीश गाँधी के नेतृत्व में विशाल मार्च निकालकर प्रकृति प्रदत्त धरती को हराभरा एवं स्वच्छ बनाये रखने की जोरदार अपील की। इस मार्च में सीएमएस के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी श्री रोशन गांधी, सीएमएस राजेन्द्र नगर (द्वितीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योत्सना अतुल एवं सीएमएस के विभिन्न कैम्पस की प्रधानाचार्याओं समेत आमन्त्रित अतिथि आदि शामिल हुए एवं हरीभरी धरती, पर्यावरण संवर्धन एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण हेतु सीएमएस छात्रों की जागरूकता की प्रशंसा की।

इस विशाल मार्च में सीएमएस छात्रों ने नारे लगाते हुए एवं हाथों में बैनर-पोस्टर आदि लेकर राजेन्द्र नगर क्षेत्र में घूम-घूमकर जनमानस को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत किया और हरित क्रान्ति से जुड़ने व प्रदूषण रोकने की अपील की। सीएमएस छात्रों ने ‘धरती बचाओ, जीवन बचाओ, जीवन को खुशहाल बनाओ’, ‘से नो टू प्लास्टिक बैग्स’, ‘ज्वाइन द ग्रीन रिवोल्यूशन’ आदि नारे लगाते हुए पर्यावरण संवर्धन का अलख जगाया और स्वयं भी पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। सीएमएस छात्रों द्वारा पर्यावरण संवर्धन के इस प्रयास को जनमानस का भरपूर समर्थन मिला।

मार्च के उपरान्त छात्रों ने विद्यालय के नजदीक स्थित जय जगत पार्क में वृक्षारोपण कर हरीभरी धरती का संदेश दिया। सीएमएस राजेन्द्र नगर के विद्या मार्केट पार्क को लोग पहले कूड़ाघर के रूप में इस्तेमाल करते थे। लेकिन नगर निगम से गोद लेकर सीएमएस राजेन्द्र नगर के छात्रों एवं शिक्षकों ने इस पार्क को ‘जय जगत पार्क’ नाम देकर इसे ग्रीन पार्क के रूप में विकसित किया है।

मार्च एवं वृक्षारोपण के उपरान्त सीएमएस राजेन्द्र नगर (द्वितीय कैम्पस) के छात्रों ने विद्यालय परिसर में बड़े हर्षोल्लास के साथ ओपेन डे समारोह ‘क्राफिटी – क्राफ्टिंग हैप्पीनेस फॉर ऑल’ मनाया तथापि अपनी बहुमुखी प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। इस अवसर पर छात्रों ने ‘आओ हाथ मिलायें’ नुक्कड़ नाटक व अन्य शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा जनमानस को स्वच्छ पर्यावरण हेतु मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, छात्रों द्वारा स्वनिर्मित आर्ट-क्राफ्ट व साइन्स प्रदर्शनी भी अभिभावकों के आकर्षण का केन्द्र रही।

इस अवसर पर सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा जगदीश गाँधी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन युवा एवं किशोर पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण की महत्ता व अनिवार्यता से तो अवगत कराते हैं, साथ ही उनमें हरी-भरी प्रदूषण मुक्त धरती के प्रति ललक व आत्मविश्वास भी जगाते हैं। सीएमएस के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी, श्री रोशन गाँधी ने कहा कि सीएमएस के छात्र, शिक्षक व अभिभावक सभी मिलकर पर्यावरण संवर्धन हेतु प्रयासरत हैं। सीएमएस के सभी कैम्पस में पर्यावरण को सुधारने व आसपास हरा-भरा व शुद्ध प्राकृतिक वातावरण बनाये रखने का प्रयास किया जाता है।

 

सीएमएस राजेन्द्र नगर (द्वितीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योत्सना अतुल ने विश्वास व्यवक्त किया कि यह समारोह पर्यावरण संवर्धन हेतु जनमानस के विचारों एवं जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा। उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रमों में सी।एम।एस। सदैव ही अग्रणी रहा है और पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में यह समारोह भी इन्हीं प्रयासों की एक कड़ी है जिसके माध्यम से सीएमएस का प्रयास है कि पर्यावरण संरक्षण का प्रयास सिर्फ स्कूलों तक ही सीमित न रहें अपितु इस पुनीत प्रयास में प्रत्येक नागरिक शामिल हो।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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