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प्रादेशिक

संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेला शुरू

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प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर लगने वाले देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले की शुक्रवार से पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ शुरुआत हो गई है।

32 लाख श्रधालुओ के संगम पहुचने की उम्मीद

10 जनवरी से 21 फरवरी तक चलने वाले आस्था के इस सबसे बड़े सालाना मेले माघ मेले के पहले स्नान पर्व पर ही लगभग 32 लाख श्रद्धालुओं के संगम पहुचने की उम्मीद है।

माघ मेला प्रशासन का दावा है की प्रशासन ने इस स्नान को कुशलता पूर्वक सम्पन्न कराने की सभी तैयारियां पूरी कर ली है।  भीड़ के उमड़ते सैलाब को देखते हुए सुरक्षा के भी यहां पुख्ता इंतजाम किये गए हैं।

माघ मेले का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा आज

प्रयागराज के संगम तट पर आज सुबह से ही श्रधालुओ की भारी भीड़ उमड़ रही है। आज से माघ मेले की शुरुआत हो गई है।  माघ मेले का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा आज है। सूर्य के उत्तरायण से दक्षिण होने पर आयोजित होने वाले इस स्नान पर्व जहां त्रिवेणी की पावन धारा में आस्था की डुबकी लगाने वालो की भारी भीड़ उमड़ रही है।

कल्पवास की भी हो रही है शुरुआत

आज से कल्पवास की भी शुरुआत हो रही है जिसमे तीन लाख से अधिक कल्पवासी त्रिवेणी के तट पर एक महीने तम्बुओ में बस कर पूजा अर्चना करेगे।  माघ मेला प्रशासन के मुताबिक़ इस स्नान पर्व इस बार करीब 32 लाख श्रद्धालुओं के संगम स्नान का अनुमान है।

5 पांटून पुलों का निर्माण

लाखो की संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने व्यापक स्तर पर अपनी तैयारियां की है।  प्रशासन ने इसके लिए पांच किलोमीटर लम्बे 16 घाटों का निर्माण किया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को जोड़ने के लिए 5 पांटून पुलों का निर्माण किया गया है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं के मेले में आने के चलते सुरक्षा एजेंसियां और सुरक्षा बल खास तौर पर मेले को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं। इस बार का माघ मेले भी उपद्रवियों की बुरी नज़र से दूर रहे इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं।

 

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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