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अगले महीने खुलेगा पहला ‘निर्भया’ केंद्र!

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श्रीपर्णा चक्रबर्ती

-यौन उत्पीड़ित महिलाओं के लिए संपूर्ण सुविधा केंद्र की तरह करेंगे काम

नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के लिए देश का पहला बहुप्रतीक्षित केंद्र अगले महीने खुल सकता है। यह निर्धारित समय से पांच महीने की देरी से खुलने जा रहा है। इन केंद्रों की स्थापना की योजना का खाका महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने तैयार किया गया है। इन केंद्रों की स्थापना राज्यों द्वारा चुने गए सिर्फ 36 स्थानों पर की जाएगी। पहले 600 स्थानों पर इस तरह के केंद्र खोले जाने थे। उत्पीड़ित महिलाओं के लिए ये एक संपूर्ण सुविधा केंद्र की तरह काम करेंगे, जो आसानी से सुलभ होंगे और महिलाओं को सुरक्षित आश्रय मुहैया कराएंगे। यहां पीड़ितों की काउंसिलिंग, उनका इलाज और उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जा सकती है।

मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि इस तरह के पहले केंद्र की स्थापना अगले महीने की जा रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय की इच्छा है कि प्रधानमंत्री मोदी इस केंद्र का उद्घाटन करें। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का 26 मई को एक साल पूरा हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि पहला केंद्र हरियाणा में खुल सकता है, क्योंकि वहा इसके लिए भूमि की पहचान कर ली गई है। अधिकारी के मुताबिक, “अभी इस दिशा में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन इस बात की जोरदार संभावना है कि हरियाणा में इस केंद्र की स्थापना की जाएगी।”

महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले साल पदभार संभालते ही इन केंद्रों की जल्द स्थापना करने का वादा किया था। दिसंबर 2014 में पहले केंद्र की स्थापना की जानी थी। यह परियोजना या तो पूंजी की कमी या फिर राज्य सरकारों के साथ तालमेल के अभाव के कारण अटकती गई, क्योंकि इन केंद्रों के लिए जमीन मुहैया कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। पिछले साल जून में वास्तविक योजना का खाका तैयार किया गया, जिसमें प्रत्येक जिले में एक केंद्र की स्थापना करने का उद्देश्य रखा गया था। लेकिन बाद में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में सिर्फ एक केंद्र स्थापित करने का फैसला किया गया।

अधिकारी ने कहा कि परियोजना का बजट भी 244.48 करोड़ रुपये से घटा कर सिर्फ 18 करोड़ रुपये कर दिया गया। राजग सरकार ने शुरुआत में 660 निर्भया केंद्रों की स्थापना का सुझाव रखा था, जिसमें देश के 640 जिलों में एक केंद्र और छह महानगरों और छोटे मेट्रो शहरों में 20 केंद्रों की स्थापना की जानी थी। अधिकारी के मुताबिक, “अब, यह संख्या घटाकर सिर्फ 36 कर दी जाएगी और इनके स्थानों के चुनाव का फैसला भी राज्य सरकारें करेंगी।”

शुरुआती प्रस्ताव में 36.98 लाख रुपये की लागत से दो मंजिला केंद्रों की स्थापना करने का प्रस्ताव रखा गया था। अधिकारियों ने कहा कि संशोधित योजना के तहत इन केंद्रों की अब सरकारी अस्पतालों में भी स्थापना की जाएगी। प्रत्येक केंद्र में नौ कर्मचारी होंगे। इसके साथ ही इन कर्मचारियों में एक सहायक चिकित्सक भी होगा, जो शिकायकर्ता को अस्पताल भेजेगा। यह सहायक चिकित्सक शिकायतकर्ता को प्राथमिकी दर्ज कराने में एक वकील, काउंसलर और एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी की भी सेवाएं प्रदान करेगा। इन केंद्रों में शिकायतकर्ता महिलाएं छोटी अवधि के लिए रह सकती हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें लंबे समय तक आश्रय मुहैया कराने के लिए लंबी अवधि के आवास केंद्रों में भेजा जा सकता है।

केंद्र में पुलिस और अदालतों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी सुविधा होगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय कार्यबल वार्षिक आधार पर इन केंद्रों के कामकाज का मूल्यांकन करेगा।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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