अन्तर्राष्ट्रीय
टीसीएस पर पूर्व कर्मचारी ने मुकदमा किया
वाशिंगटन | टाटा कंसल्टेंसी सर्विसिस (टीसीएस) के एक पूर्व कर्मचारी ने कंपनी में नियुक्ति और पदोन्नति के लिए अमेरिकी कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने और दक्षिण एशियाई मूल के नागरिकों का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। टीसीएस के पूर्व कर्मचारी स्टीवन हेल्ड ने सैन फ्रांसिस्को की संघीय अदालत में मंगलवार को दायर अपनी शिकायत में कहा कि अमेरिका में टीसीएस के 14,000 कर्मचारियों में से 95 प्रतिशत दक्षिण एशियाई मूल के या अधिकतर भारतीय हैं।
दायर शिकायत के मुताबिक, “इस तरह की गतिविधियों से कार्यस्थल पर कर्मचारियों की संख्या में अधिक असमानता उत्पन्न हो गई है।” वेबसाइट ‘कंप्यूटरवर्ल्ड’ ने कथित शिकायत के आधार पर कहा कि टीसीएस ने बड़ी संख्या में एच-1बी श्रमिकों को काम पर रखकर और स्थानीय रूप से दक्षिण एशिया के कामगारों को नौकरी पर रख अपने भेदभावपूर्ण उद्देश्य पूरे किए हैं। टाटा द्वारा कुछ गैर दक्षिण एशियाई मूल के श्रमिकों को चुनने से उनके साथ नियुक्ति, पदोन्नति और निष्कासन के फैसलों में उनके साथ पक्षपात किया गया। मुकदमे के मुताबिक, टीसीएस ने 2011 से लेकर 2013 तक लगभग 21,000 नए एच-1बी वीजा धारकों को नियुक्त किया। ये सभी श्रमिक मुख्यरूप से भारतीय थे। टीसीएस में काम कर चुके हेल्ड उन कुछ चुनिदा गैर-दक्षिण एशियाई मूल के कर्मचारियों में शामिल हैं। हेल्ड ने टीसीएस में अपने 20 महीने की अवधि तक काम करने के अनुभव को ‘तकलीफदेह’ बताया है।
मुकदमे में कहा गया है कि टाटा के एक शीर्ष एचआर प्रबंधक ने नियुक्ति के लिए भारतीयों को तरजीह देने का नियोक्ताओं को निर्देश दिया था। उस शीर्ष अधिकारी ने अमेरिकी कामगारों के प्रति अपनी नापसंदगी भी व्यक्त की थी। उसका विश्वास था कि भारतीय लोग अमेरिकी नागरिकों की तुलना में अधिक तेज और योग्य होते हैं। इस मामले पर टीसीएस प्रवक्ता बेंजामिन ट्राउंसन ने कहा कि कंपनी को विश्वास है कि हेल्ड के आरोप निराधार हैं। कंपनी इन खोखले दावों के खिलाफ सख्ती से अपना बचाव करने की तैयारी कर रही है।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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