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उत्तर प्रदेश

अयोध्या में हुई सपा-बीजेपी प्रत्याशियों में भिड़त, जम कर चले लाठी डंडे, गाड़ियों में हुई तोड़-फोड़

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यूपी में विधानसभा चुनाव चरण दर चरण ज्यादा आक्रामक होता जा रहा है। तीसरे चरण से पहले शुक्रवार को अयोध्या में भाजपा और सपा के समर्थक आमने-सामने आ गए। पहले नारेबाजी शुरू हुई फिर देखते ही देखते भिड़ंत हो गई। दोनों पक्षों के भिड़ते ही अफरातफरी मच गई।

दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी हुई और लाठी-डंडों का इस्तेमाल हुआ। इस दौरान हवाई फायरिंग भी की गई। कई गाड़ियों में जबदस्त तोड़फोड़ भी की गई। आरोप है कि सपा के समर्थकों ने महराजगंज थाने में उत्पात भी मचाया। इस दौरान एक पत्रकार व भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए। हालांकि इस बारे में कोई पुलिस अधिकारी बात नहीं कर रहा है।

Up chunav bjp and sp candidates supporters clashes in ayodhya gosaiganj  vidhan sabha mein bjp samajwadi workers me jhadap - UP Chunav: अयोध्या में  सपा-भाजपा प्रत्याशियों के समर्थक आपस में भिड़े, हवाई

बताया जाता है कि गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशी अभय सिंह और भाजपा प्रत्याशी आरती तिवारी के पति खब्बू तिवारी के समर्थक आमने-सामने हुए। महाराजगंज के नेव कबीरपुर में घटना हुई। लाठी-डंडे पत्थर आदि से थाने पर हमला बोल दिया गया। थानाध्यक्ष की ओर से सूचना पर क्षेत्राधिकारी शैलेंद्र प्रताप गौतम व एसपी ग्रामीण अतुल कुमार सोनकर थाना महाराजगंज पहुंचे। पुलिस बल इस बीच कमज़ोर पड़ता नज़र आया। इस बीच सपाइयों का शिकार पत्रकार राम प्रकाश तिवारी हो गए।

UP Election 2022: अयोध्या में भिड़े सपा-बीजेपी समर्थक, बवाल के दौरान हुई  फायरिंग और तोड़फोड़, SP उम्मीदवार गिरफ्तार

सपाइयों ने पत्रकार को लाठी-डंडों से जमकर पीट पीटकर घायल कर दिया। पत्रकार को बचाने दौड़े भाजपा कार्यकर्ता संतोष यादव को भी सपाइयों ने पीट पीटकर घायल कर दिया है। देर रात एसएसपी शैलेश पांडेय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने पथराव कर सपा समर्थकों को भगा दिया।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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