उत्तर प्रदेश
सपा के एक और विधायक की बढ़ीं मुश्किलें, अलाया अपार्टमेंट मामले में बेटा हिरासत में
लखनऊ। लखनऊ में पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट के मंगलवार शाम अचानक भरभराकर गिरने की भीषण घटना के बाद सपा के एक और विधायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मेरठ की किठौर विधानसभा सीट से सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। जबकि उसके करीबी यजदान बिल्डर व कुछ अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
इससे पूर्व कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी आगजनी समेत अन्य संगीन आरोपों के चलते वर्तमान में जेल में हैं। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां व उनका परिवार भी संगीन आरोपों से घिरा है।
इसके बाद अब लखनऊ के वजीरहसन रोड स्थित पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश व भतीजे का नाम आने से सपा नै मुश्किलों में है। इसका निर्माण यजदान बिल्डर ने कराया था। नवाजिश ने अपार्टमेंट का नाम अपनी बेटी अलाया के नाम पर रखा था।
आरंभिक जांच में बिल्डिंग निर्माण में गड़बड़ी की आशंका के चलते पुलिस ने नवाजिश व बिल्डर की तलाश शुरू की। उनकी तलाश में मेरठ समेत अन्य शहरों में अलग-अलग कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। नवाजिश पुलिस को मेरठ में मिला, जिससे पूछताछ की जा रही है।
नवाजिश के कुछ करीबियों की भी तलाश की जा रही है। मंगलवार शाम जब अपार्टमेंट के अचानक ढहने की घटना हुई तो उसके बाद नवाजिश, यजदान बिल्डर अथवा अन्य कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपार्टमेंट नवाजिश व उसके चचेरे भाई के नाम है। जिसका निर्माण याजदान बिल्डर ने कराया था। बीते दिनों हजरतगंज क्षेत्र में प्रागनरायाण रोड स्थित याजदान बिल्डर की अवैध बहुमंजिला इमारत को ढहाया गया था।
अलाया अपार्टमेंट के ढहने के मामले में पूछताछ के लिए कुछ लोगों की तलाश की जा रही है। कई लोगों से लंबी पूछताछ भी की है। उसने मिली जानकारियों के आधार पर अपार्टमेंट के निर्माण कार्य से जुड़े कुछ अन्य लोगों तक पहुंचने का भी प्रयास किया जा रहा है। यजदान बिल्डर ने लखनऊ के डालीबाग क्षेत्र में भी दो अपार्टमेंट का निर्माण कराया था।
शाहिद मंजूर पहली बार वर्ष 2002 में सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। शाहिद वर्तमान में चौथी बार विधायक बने हैं और अखिलेश यादव सरकार में वह श्रम एवं सेवायोजन मंत्री भी रहे। अखिलेश यादव के करीबी शाहिद मंजूर का बेटा नवाजिश रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़ा है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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