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उत्तर प्रदेश

दीपावली पर उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को योगी सरकार का तोहफा, मिलेगा मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 20 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। कैबिनेट बैठक में दीपावली पर उज्ज्वला योजना के 1,75,04,385 लाभार्थियों को मुफ्त रसोई सिलेंडर देने का प्रस्ताव मंजूर किया गया।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को होली और दीपावली पर एक-एक सिलेंडर मुफ्त देने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने बताया कि लाभार्थी को पहले प्रचलित उपभोक्ता दर से 14.2 किलो का सिलेंडर रिफिल कराना होगा। उसके पांच दिन के बाद सिलेंडर की राशि उपभोक्ता के आधार प्रमाणित बैंक खाते में ऑयल कंपनियों की ओर से हस्तांतरित की जाएगी।

यह सुविधा केवल उज्ज्वला योजना के एक कनेक्शन पर मिलेगी। प्रदेश सरकार पर इससे 2312 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा। उन्होंने बताया कि दीपावली पर पौने दो करोड़ परिवारों को मुफ्त सिलेंडर मिलने से उन्हें त्योहार पर राहत मिलेगी।

मत्स्य पालन राजपत्रित सेवा संशोधित नियमावली को सहमति

कैबिनेट ने सचिवालय स्तर पर पर्यटन का अतिरिक्त अनुभाग सृजित किए जाने के संशोधित प्रस्ताव को सहमति दे दी है। वहीं उत्तर प्रदेश मत्स्य पालन राजपत्रित सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2023 पर भी कैबिनेट ने सहमति दी है।

मिर्जापुर, सोनभद्र व महराजगंज में बनेगा जनजातीय संग्रहालय

उप्र में 15 अनुसूचित जनजातियां सूचीबद्ध हैं। उनमें भौगोलिक असमानता के साथ-साथ रीति-रिवाद, रहन-सहन, खान-पान और कला में पर्याप्त विविधता पाई जाती है। उन्हें संरक्षित करने के लिए मिर्जापुर, सोनभद्र और महराजगंज में जनजातीय संग्रहालय बनाया जाएगा। जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा जमीन संस्कृति विभाग लखनऊ को आवंटित की गई है।

केंद्र सरकार के जनजातीय मंत्रालय ने म्यूजियम के लिए प्रस्तावित जमीन अससूचित जाति व अनुसूचित जनजाति शोध व प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ के पक्ष में हस्तांतरित करने का फैसला लिया गया है, जिसे कैबिनेट ने अनापत्ति दी है।

प्रत्येक संग्रहालय के लिए केंद्र सरकार 15 करोड़ रुपये देगी। इसमें राज्य सरकार पर कोई भार नहीं पड़ेगा। संग्रहालय में जनजातीय जीवन से जुड़ी जानकारियों, सूचनाओं, फिल्मों, चित्रों आदि का पश्दर्शन डिजिटव थियेटर में किया जाएगा।

ट्राइबल आउटलेट्स के माध्यम से जनजातियों द्वारा तैयार उत्पादों का विक्रय किया जाएगा। संग्रहालय के लिए मिर्जापुर में अतरैला पांडेय गांव में 4.046 हेक्टेयर जमीन, सोनभद्र में राबर्टसगंज में 2.82 हेक्टेयर जमीन और महराजगंज की नौतनवा तहसील में 0.506 जमीन आवंटित की जाएगी।

PPP मॉडल पर होगा चार पॉलीटेक्निक, तीन ITI का संचालन

प्रदेश में सरकार की ओर से तैयार कराए गए चार राजकीय पॉलीटेक्निक व तीन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलाने का निर्णय लिया है। कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को इसकी सहमति दी गई।

प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के अनुसार इनका संचालन निजी सहभागिता से किए जाएगा। इसके अनुसार बाराबंकी, हरदोई, कन्नौज व सहारनपुर में नई बनी पॉलीटेक्निक व प्रतापगढ़, मुरादाबाद व इटावा की नई आईटीआई के पीपीपी मॉडल पर चलाने को कैबिनेट ने सहमति दी है।

कैबिनेट की सहमति के बाद अब शासन स्तर पर इसकी विस्तृत नियमावली तैयार कर MoU किया जाएगा। इसके बाद नए सत्र से इनमें पठन-पाठन शुरू किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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