उत्तराखंड
उत्तराखंड: सहेली की जान बचाने बाघ से भिड़ गईं दो महिलाएं, अपनी जान की नहीं की परवाह; हंसिया व डंडे से मार भगाया
देहरादून। उत्तराखंड के चंपावत जिले में दो महिलाओं ने बहादुरी दिखाते हुए अपनी सहेली को मौत के मुंह से बाहर खींच लिया। दोनों ने बाघ से लड़ाई कर अपनी सहेली की जान बचा ली। बाघ ने महिला को अपने पंजों में दबोच ले लिया था। 26 दिसंबर को यह घटना बून फारेस्ट रेंज में हुई। गीता देवी, जानकी देवी और पार्वती देवी नाम की तीन महिलाएं पशुओं के लिए चारा लेने जा रही थीं। रास्ते में घात लगाकर बैठे बाघ ने गीता देवी पर हमला बोल दिया।
वह उसे घसीटकर जंगल के अंदर ले जाने लगा। यह देख अन्य दोनों महिलाएं सकते में आ गईं पर हिम्मत दिखाते हुए उन्होंने बाघ पर ताबड़तोड़ पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इसके साथ ही हंसिया और डंडे से भी लगातार प्रहार किया। हमले से घबराया बाघ गीता देवी को छोड़कर जंगल के अंदर भाग गया।
इस घटना में गीता गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे बेहोशी की हालत में टनकपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई है। गीता देवी को 24 टांके आए हैं। गीता को हल्द्वानी के अस्पताल में बेहतर उपचार के लिए रिफर कर दिया गया है।
बून फारेस्ट रेंजर गुलजार हुसैन ने महिलाओं की बहादुरी और सूझबूझ की तारीफ की है। उन्होंने आसपास के गांव में रहने वाले लोगों को अगले कुछ दिनों तक के लिए जंगल में न जाने की सलाह दी है। पूरे इलाके में वन विभाग ने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है।
अपनी जान की नहीं की परवाह
सहेली की जान बचाते समय दोनों महिलाओं ने अपनी जान की बिलकुल परवाह नहीं की। बाघ और उनके बीच कुछ सेंटीमीटर ही फासला रहा होगा। लगातार हमले से घबराए बाघ ने दोनों महिलाओं पर भी झपट्टा मारने की कोशिश की लेकिन वे पीछे नहीं हटीं। दोनों लगातार हंसिया और डंडे से उस पर वार करती रहीं। अंत में पस्त होकर बाघ जंगल के अंदर भागने पर मजबूर हो गया।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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