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प्रादेशिक

वीजा ऑन अराइवल बौद्घ सर्किट के लिए लाभकारी

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 लखनऊ| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार को आस्ट्रेलिया में वीजा ऑन अराइवल नीति की घोषणा से उप्र के बौद्घ सर्किट में पर्यटन कारोबार को बढ़ावा मिलने की सम्भावना है। यह बात यहां पर्यटन क्षेत्र के जानकारों ने कही। मोदी ने सोमवार को आस्ट्रेलिया के सिडनी में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वीजा ऑन अराइवल नीति की बात कही थी।

उप्र के पर्यटन उप निदेशक पी.के. सिंह ने  कहा कि प्रधानमंत्री के वीजा सरलीकरण नीति से केवल बौद्घ सर्किट में ही नहीं, बल्कि उप्र के ताज व ब्रज गलियारे में भी पर्यटकों की आमद बढ़ेगी। बौद्घ सर्किट में न केवल आस्ट्रेलिया के पर्यटकों के आने की राह आसान होगी, बल्कि दक्षिण पूर्व एशिया के आस्ट्रेलिया में बसे हुए लोगों के भारत आने की राह भी आसान होगी। बौद्घ सर्किट में आने वाले पर्यटकों में चीन, ताइवान, मलेशिया, सिंगापुर, वियतनाम, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे देशों के आस्ट्रेलिया में बसे लोगों की संख्या कम रही है।

आस्ट्रेलिया में भारत सहित बौद्ध देशों के बसे प्रवासी नागरिक बौद्घ सर्किट में धार्मिक कारणों से आना चाहते हैं। बुद्घ की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर व ज्ञान प्राप्ति स्थल बोधगया समेत बुद्घ से जुड़े कपिलवस्तु, कुशीनगर, सारनाथ, श्रावस्ती को सहेजकर सरकार ने बौद्घ सर्किट का रूप दिया है। बुद्घ की जन्मस्थली लुंबनी नेपाल में भारतीय सीमा से कुछ मीलों की दूरी पर है। आस्ट्रेलिया में बसे विभिन्न देशों के नागरिक धार्मिक कारणों से बौद्घ सर्किट में आना तो चाहते हैं, पर कठिन वीजा प्रक्रिया एक बड़ी बाधा बन जाती है। कुशीनगर स्थित इंपीरियल होटल के प्रबंध निदेशक संजीव माथुर ने फोन पर कहा कि निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के इस घोषणा से बौद्घ सर्किट के पर्यटन कारोबार में उछाल आएगा।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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