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पंजाब

लोकसभा चुनाव से पहले I.N.D.I. गठबंधन की पहली परीक्षा, कौन बनेगा चंडीगढ़ का मेयर; आज होगा फैसला

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Chandigarh Mayor Election

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चंडीगढ़। पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ को आज गुरुवार नया मेयर मिल जाएगा। चंडीगढ़ मेयर चुनाव की चर्चा अब केवल यहीं तक सीमित नहीं रही। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव के परिणाम दूरगामी होंगे। खास कर कांग्रेस-आप गठबंधन का यह पहला चुनाव है। इसलिए गुरुवार को गठबंधन की पहली परीक्षा होगी। चंडीगढ़ के मेयर चुनाव पर दिल्ली में बैठे दोनों दलों के वरिष्ठ नेता बुधवार को रणनीति बनाने में जुटे रहे। खास कर आम आदमी पार्टी इस पर बेहद गंभीर है।

राघव चड्ढा और पवन बंसल की हुई मुलाकात

बुधवार को आप नेता राघव चड्ढा से उनके चंडीगढ़ स्थित निवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन बंसल मिलने पहुंचे। दोनों ने एक-दूसरे के पार्षदों का एक-एक वोट गठबंधन की जीत के लिए डालना सुनिश्चित करने पर चर्चा की। चड्ढा ने कहा कि I.N.D.I. गठबंधन का यह पहला चुनाव है। इसके जरिये ही भाजपा को हराने की शुरुआत होगी।

इसके बाद लोकसभा चुनाव में भी सभी विपक्षी दल मिलकर पूरे देश से भाजपा को हराकर सत्ता से बाहर करेंगे। चंडीगढ़ मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए वीरवार को 11 बजे से मतदान होगा। कांग्रेस व आप के पार्षद अभी रूपनगर स्थित एक रिजार्ट में, जबकि भाजपा के पार्षद पंचकूला स्थित एक गेस्ट हाउस में हैं।

कुल 35 पार्षद डालेंगे वोट

फिलहाल बीजेपी के पास 14 पार्षद और एक सांसद का वोट है, वहीं आम आदमी पार्टी के पास 13 और कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं। शिरोमणि अकाली दल के पास 1 पार्षद है। बहुमत के लिए 18 वोटों की जरूरत है, जिसमें बीजेपी के पास सबसे ज्यादा 15 वोट हैं। हालांकि, अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक साथ आती हैं तो उनके पास कुल 20 वोट होंगे।

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पंजाब

जिद छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए – सीएम भगवंत मान

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उनसे सवाल किया कि अगर वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात क्यों नहीं कर सकते?

पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए… कबूतर के आंख मारने से बिल्ली नहीं भागती.. पता नहीं केंद्र सरकार अब कौन सा प्रायश्चित कर रही है??

अगर मोदी जी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो क्या 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते? किस समय का इंतजार कर रहे हो? इससे पहले आज समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपनी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए किसानों को दिल्ली मार्च करने से रोकने का आरोप लगाया था।

समाजवादी पार्टी के सांसद प्रसाद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “किसान दिल्ली की सीमा पर जमा हुए हैं… वे प्रधानमंत्री को अपनी मांग बताने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने अपनी सारी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए यह सब किया है… आज देश और प्रदेश में महंगाई दूर करने और युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।”

इस बीच, सोमवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों और उनके मुद्दे पर मीडिया का कम ध्यान देने का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से अपनी लंबी भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जाखड़ ने किसान यूनियनों के बीच एकता के महत्व पर जोर दिया और पंजाब में कृषि मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक बातचीत का आह्वान किया, जो एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन अब 316वें दिन में प्रवेश कर गया है।

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