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उत्तर प्रदेश

प्रोपेगैंडा नहीं, सत्य होनी चाहिए न्यूज, हमारी सरकार जरूर लेती है संज्ञान : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। समाज की भावनाओं को शासन तक पहुंचाने का मीडिया एक सशक्त माध्यम है। हमारी सरकार भी हर न्यूज को सुझाव के रूप में देखती है। न्यूज अगर सत्य है तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई संवेदनशील सरकार उसका संज्ञान ना ले। हमारी सरकार हर खबर का संज्ञान लेती है, बशर्ते वो कोई प्रोपगेंडा ना हो। साथ ही साथ मीडिया के द्वारा समाज के आमजन और प्रबुद्धजनों के विचारों को भी हम मार्गदर्शन के रूप में लेते हैं, ये हमारे लिए सुझाव का कार्य करता है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक मीडिया संस्थान द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान कही।

लोकतंत्र में सभी स्तंभों का अपना-अपना महत्व

राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में सीएम योगी ने कहा कि लोकतंत्र में सभी स्तंभों का अपना अपना महत्व है। मीडिया की भी अपनी सशक्त भूमिका है। इसके अलग अलग स्वरूप हो सकते हैं। प्रिंट, टीवी और अब सोशल एवं डिजिटल मीडिया ने व्यवस्था को प्रभावित किया है। इन स्थितियों में प्रिंट की भूमिका को आज भी किसी भी स्थिति में कमतर करके नहीं आंका जा सकता। इन सभी माध्यमों के अपने अपने प्रशंसक हैं। बहुत से लोग आज भी पेपर पढ़े बिना मानते ही नहीं। तो बहुत से लोग स्मार्टफोन के जरिए डिजिटल मीडिया से जुड़ चुके हैं और वर्षों से टीवी नहीं खोला। मीडिया का प्लेटफॉर्म कोई भी हो, आधार केवल सत्य ही होना चाहिए।

आस्था और आजीविका को पहली बार मिला सम्मान

मुख्यमंत्री योगी ने ‘राइजिंग यूपी’ से आगे बढ़कर ‘शाइनिंग यूपी’ की चर्चा करते हुए कहा कि बीते 10 साल में देश में बहुत कुछ बदला है। एक ऐसा भारत जिसका दुनिया में सम्मान है, जिसकी सीमाएं सुरक्षित हैं, आंतरिक व्यवस्था नियंत्रण में हैं, जिसे वर्ल्डक्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर के रूप में देखा जा रहा है, जनविश्वास सुदृढ़ हुआ है और गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के समाज को प्राप्त हो रहा है। व्यक्ति की आजीविका और आस्था को पहली बार सम्मान दिया गया है। सीएम ने कहा कि इस प्रदेश के बारे में लोगों की बहुत सारी धारणाएं थीं। 2017 से पहले यहां साल में 300 से अधिक दंगे होते थे। यहां आधे साल तक कर्फ्यू लगा रहता था। उद्यमी कहते थे कि जब यूपी में व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं है, तो पूंजी कहां से सुरक्षित रहेगी। यहां आस्था का अनादर होता था। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की व्यवस्थाएं धूलधूसरित थीं।

यहां सबकुछ वही, बस हमने कार्य संस्कृति बदली है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ये वही प्रदेश है जहां युवा के हाथ में तमंचा नहीं टैबलेट है। सड़क पर रंगदारी नहीं मांगी जाती बल्कि स्ट्रीट वेंडर के लिए पीएम स्वनिधि की योजना है। अब यहां कर्फ्यू नहीं लगता, बल्कि धूम धड़ाके के साथ कांवड़ यात्रा निकाली जाती है। दंगे नहीं होते बल्कि खेलकूद की भावना से दंगल का आयोजन होता है। हमने जीडीपी और प्रतिव्यक्ति आय को दोगुना किया है। पहले उत्तर प्रदेश देश के विकास में ब्रेकर था, आज हम ब्रेक थ्रू के रूप में जाने जा रहे हैं। यहां सबकुछ वही है, बस हमने कार्य संस्कृति बदली है। यही वजह है कि यूपी आज हर क्षेत्र में मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। पहले यहां उद्योग धंधे नहीं लगते थे और जो थे वो भी पलायन को मजबूर थे। मगर, हाल ही में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के जरिए हमने 10 लाख 24 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतार दिया है।

पब्लिक की संतुष्टि ही राइजिंग यूपी, शाइनिंग यूपी का आधार

सीएम योगी ने कहा कि जिस प्रदेश की पहचान कभी गड्ढों से होती थी, आज वह एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में जाना जाता है। देश के एक्सप्रेसवे का 40 फीसदी यूपी के पास है। इस साल के अंत तक गंगा एक्सप्रेसवे बनने के बाद देश के एक्सप्रेसवे का 55 प्रतिशत हिस्सा यूपी के पास हो जाएगा। पहले यूपी में केवल दो एयरपोर्ट क्रियाशील थे, आज 9 हैं और जल्द ही 10 नये एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री के करकमलों से होगा। उत्तर प्रदेश दुनिया का सबसे बड़ा टूरिस्ट स्पॉट बनकर उभरने लगा है। यूपी के पास जितनी संभावनाएं हैं उतना किसी के पास नहीं है। केवल एमएसएमई से ही दो लाख करोड़ का एक्सपोर्ट हम कर रहे हैं। यहां हर तबके के लिए बिना भेदभाव के योजनाओं का संचालन हो रहा है। युवा, किसान, महिला, उद्यमियों, वृद्ध, दिव्यांगजन, निराश्रित महिला के लिए योजनाओं को मिशन मोड पर आगे बढ़ाया गया है। हमने तुष्टिकरण किसी का भी नहीं किया, केवल सर्व समाज की संतुष्टि का कार्य किया है। इसी का परिणाम हमारे सामने है। यूपी दमदार तरीके से कह सकता है कि हम भारत की इकोनॉमी का ग्रेाथ इंजन बनने का सामर्थ्य रखते हैं। पब्लिक की संतुष्टि ही राइजिंग यूपी, शाइनिंग यूपी का आधार है।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से तन्मय माहेश्वरी, वरुण माहेश्वरी, डॉ इंदुशेखर पंचोली, विजय त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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