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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी बोले, गरीब, दलित और वंचितों को पीएम मोदी ने दिलाया उनका अधिकार

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आगरा। योगी सरकार ने आज आगरा वासियों को करीब 5200 करोड़ रुपए की 124 विकास परियोजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोठी मीना बाजार मैदान में आयोजित कार्यक्रम में इन सभी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी ने देश के दबे कुचले लोगों का हित किया। आज बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का सम्मान हो रहा है। बाबा साहेब का सम्मान का मतलब दबे कुचले लोगों का सम्मान, संविधान का सम्मान।

कोठी मीना बाजार मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस समाज के बारे में सोचना पार्टी और उसकी आत्मियता को प्रदर्शित करता है। पिछले 10 वर्ष में पीएम मोदी के नेतृत्व में एक नए भारत का हम दर्शन कर रहे हैं। एक ऐसा भारत जो जाति, मत, मजहब और भाषा के आधार पर नही बल्कि, इसके अंदर एक ही मंत्र के आधार पर हर गांव, हर गरीब, हर किसान  हर नौजवान और महिला सभी को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर के सम्मानजनक जीवन यापन करने के लिए उन्हें आगे बढ़ने के लिए कार्य करता है। वो मंत्र है, सबका साथ और सबका विकास। सर्व हिताय और सर्वजन सुखाय का वो भाव जो मोदी जी ने सबके विकास के मंत्र के माध्यम से देश को दिया था।आज मैं में दावे से कह सकता हूं, कि आजादी के बाद भी हमारा जो समाज दबा हुआ था, वंचित था। समाज की मुख्यधारा से अपने आपको विकसित महसूस करता था। आज उसे लगता है कि जब  डॉ. बीआर आंबेडकर जी के नाम पर मोदी के द्वारा पंच तीर्थ की घोषणा होती है और उन्हें मूर्त रूप दिया जाता है। उसे भी एहसास होता है कि देखिए बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का सम्मान का मतलब देश के संविधान का सम्मान, भारत की संसदीय प्रणाली का सम्मान और देश के कोटि- कोटि उन दबे कुचले उन लोगों को एक आवाज देने का कार्य प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया।

आपने देखा हो कि भगवान राम के साथ संवाद बनाने वाले जो एक त्रिकालदर्शी ऋषि थे, तो उनका नाम था महर्षि वाल्मिकी। और जब अयोध्या में राम जन्मभूमि 500 वर्षों का इतंजार समाप्त भव्य रामलला के दर्शन जनसाधारण को कराने की बारी आयी तो सबसे पहले मोदी जी ने महर्षि वाल्मीकि जी के नाम पर अयोध्या के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नामकरण किया। ये पहली बार हुआ कि महर्षि वाल्मीकि के नाम पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना। ये पहले नही हो पाया, लेकिन मोदी जी ने किया। अब आप जब अयोध्या जाएंगे, तो पहले दर्शन आपको महर्षि वाल्मीकि के होंगे। काशी मे सीरगोवर्धन, सदगुरू संत रविदास जी की पावन भूमि है। इस जमीन पर विवाद था। पहले की सरकारें कुछ नही कर पा रही थी।जब मोदी जी सांसद बने काशी से, तो उन्होंने संकल्प लिया कि इसके लिए हमें कुछ करना है। आज वहां का परिणाम है कि आज वहां पर संत रविदास महाराज की 25 फुट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण कर दिया है। भव्य पार्क और म्यूजियम का निर्माण वहां पर हो गया है। अब उस पावन जगह पर जाने के लिए फोर लेन की कनेक्टिविटी भी हो गई है। पहले सिंगल लेन की भी सड़क नही थी।

सीएम योगी ने कहा कि जिस तरह से देश के अंदर सामाजिक न्याय के पुरोधाओं को सम्मान देने का कार्य मोदी जी ने किया है। वैसे ही गरीब, दलित और वंचित को भी उसका अधिकार देने का काम किया। हर गरीब को मकान मिल गया। हर गरीब के घर में शौचालय बन गया। हर गरीब को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिल गई। हर गरीब को वंचित को उसकी आवाज को मजबूती प्रदान करने कार्य किया गया। ये समाज वो समाज है, जिसने सदैव देश और धर्म के लिए अपने आपको बलिदान किया और अपनी आहुति दी है। तो स्वाभाविक रूप से हम और राष्ट्रीय अध्यक्ष जी आए है, तो इस अवसर पर आज भी इस महाधिवेशन के माध्यम से आगरा वासियों को कल हमने पीएम मोदी के करकमलों से मेट्रो की सौगात दी। इसके साथ ही आगरा के एक महत्वपूर्ण स्टेशन का नाम डॉ. भीम राव आंबेडकर के नाम पर भी किया गया। यह समाज हमेशा दाता के रूप में काम किया है। तो 5200 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात भी आगरा वासियों को उपलब्ध हो रही है। एक बार फिर से हमारे अनुसूचित समाज ने तय कर दिया कि दाता की भूमिका है, तो दाता ही भूमिका में ही वह काम करेगा। आज भी वह उस रूप में कार्य कर रहा है। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी जी की प्रेरणा से हमने उत्तर प्रदेश के अंदर हमने तय किया है कि अनुसूचित जाति से चुने हुए जितने भी छात्र है, उनकी छात्रवृत्ति 2016 की तुलना में दोगुनी की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश के अंदर जहां पर जो गरीब भी बसा होगा, वह आरक्षित श्रेणी की भूमि नही तो, उस जमीन का मालिकाना अधिकार उसका पट्टा उसी के नाम करके उसको आवास की सुविधा देने का काम किया जा रहा है। अगर आरक्षित श्रेणी की भूमि है, तो पहले उसको पट्टा दिया जाएगा, कब्जा करवाया जाएगा, आवास उपलब्ध कराया जाएगा। तब उनको यहां से पुनर्वास की व्यवस्था होगी। हर एक के पास उनका राशन कार्ड है। आज सरकार की सभी प्रकार की योजनाओं से आच्छादित होकर आगे बढ़ रहा है और सम्मानजनक तरीके से अपनी प्रतिभा का लाभ देश और समाज को देने का काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि ये डबल इंजन की वही सरकार है जो सरकार महाराजा सुहेलदेव के नाम पर आजमगढ़ में विश्वविद्यालय का निर्माण करती है, तो लखनऊ में महाराज बिजली पासी के किले का पुनरुद्धार करके वहां पर भव्य स्मारक बनाने का कार्य करती है। ये सरकार सामाजिक न्याय के मूल सिद्धांतों का सम्मान करती है और इसका मूल प्रेरणा है प्रधानमंत्री मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी। पीएम की अवधारणा सबका साथ सबका विकास के साथ देश आगे बढ़ रहा है। आप सब लोग आए हैं तो ब्रज भूमि का भ्रमण जरूर कीजिए। आगरा शिवाजी महाराज की पराक्रम की जमीन है।

लोकार्पित हुई प्रमुख परियोजनाएं-
– खैरागढ़ में राजकीय महाविद्यालय एवं राजकीय आईटीआई भवन,
– फतेहाबाद में जनपदीय ड्रग वेयर हाउस,
– आगरा- शमशाबाद- राजाखेड़ा मार्ग पर नवीनीकरण कार्य
– अमृत कार्यक्रम के अंतर्गत वेस्टर्न जोन सीवरेज परियोजना आगरा पेयजल आपूर्ति परियोजना फेज- 3
– आगरा- बाह- कचारा घाट मार्ग के किमी 81 से जैतपुर कलां नन्दगवां पिनाहट तासोड (राजस्थान सीमा) मार्ग का 2 लेन में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण
– अछनेरा ब्लॉक के ग्राम- अभेदोपुरा में राजकीय आईटीआई भवन,
– धनौली ड्रेनेज नगर पंचायत फतेहाबाद में नाला निर्माण
– आगरा-देवरी-इरादत नगर मार्ग का किमी 4 से 23.65 तक चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण
– एबीके मार्ग से प्रताप पुरा इंधौन मार्ग- खंदौली आंवलखेड़ा मार्ग
– सैंया से खेरिया वाया लादूखेड़ा मार्ग
– मंडलीय होमगार्ड प्रशिक्षण केंद्र
– आगरा इनर रिंग रोड प्रथम एवं द्वितीय चरण को जोड़ने हेतु फतेहाबाद रोड पर फ्लाईओवर

इन प्रमुख परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास-

– 17 नग भूमिगत जलाशय, 1,956 किमी राइजिंगमेन
– 407 नग शिरोपरि जलाशय 7,598 किमी वितरण प्रणाली, 2,96,833 नग क्रियाशील गृह जल संयोजन
– राजकीय मेडिकल कॉलेज के लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय परिसर का विस्तारीकरण
– खंदौली थाना परिसर में टाइप-ए एवं टाइप-बी के आवासीय भवन, अनावासीय भवन एवं सर्विस ब्लॉक
– पुलिस लाइन में ट्रांजिट हॉस्टल
– एसएन मेडिकल कॉलेज में 72 एवं 48 बेड की क्षमता के छात्रावास
– 14,000 नगर सीवर गृह संयोजन, 1,500 नग हाउस कनेक्टिंग चैम्बर्स एवं 5.04 किमी सीवर लाइन
– बोदला-बिचपुरी-भरतपुर मार्ग पर ईदगाह-बांदीकुई रेल सेक्शन में किमी 10/3-4 के समपार संख्या-10ए पर 4 लेन रेल उपरिगामी सेतु
– राजपत्रित अधिकारियों हेतु पुलिस लाइन में मल्टीस्टोरी आवासीय भवन

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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