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लाइफ स्टाइल

बच्चों के लिए स्मार्टफोन अच्छा नहीं मानते अभिभावक

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न्यूयॉर्क | आज के समय में स्मार्टफोन और टैबलेट रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन एक अध्ययन में बताया गया है कि अधिकांश माता-पिता अभी भी इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि मोबाइल उपकरण उनके बच्चों के लिए अच्छी चीज नहीं है। बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन से अध्ययन की शीर्ष लेखक जेनी राडेस्की ने बताया, “आपके छोटे बच्चों के लिए प्रौद्योगिकी तेजी से विकसित हो रही है। यह अध्ययन बाल चिकित्सा प्रदाताओं को माता-पिताओं के अनुभवों और चिंताओं को समझने में मदद करता है।”

शोधकर्ताओं ने 35 माता-पिता/अभिभावकों के गहन साक्षात्कार लिए, जिनमें मोबाइल उपकरणों के लाभ, कमियों और पारिवारिक संबंधों पर इसके प्रभावों सहित उनके और उनके बच्चों द्वारा इनके प्रयोग को लेकर उनका नजरिया जानने की कोशिश की गई। प्रतिभागियों में बच्चों की माताएं (63 फीसदी), पिता (26 फीसदी) और दादियां (11 फीसदी) शामिल थीं। इन सबकी औसत उम्र 38 वर्ष थी। उनके बच्चे नौ साल से कम उम्र के हैं। अध्ययन के परिणाम दर्शाते हैं कि अभिभावकों को प्रौद्योगिकी को लेकर काफी तनाव है। कई लोगों ने बताया कि बच्चों को शैक्षिक प्रणाली के साथ रखने और काम की मांग को पूरा करने के लिए टैबलेट खरीदते समय उन्हें चिंता हुई।

माता-पिता बच्चों के मोबाइल उपकरणों और गेम से अत्यधिक लगाव को लेकर भी चिंता जताई। कुछ लोगों ने बताया कि उनके बच्चे इनके आदी और लती हो गए हैं। कई कम आय वाले अभिभावकों ने बताया कि बच्चों द्वारा प्रयोग किए जा रहे व्हाट्सएप और सोशल मीडिया में उनके जितना तत्पर रहना मुश्किल है। वे मोबाइल उपकरणों के उपयोग की सीमाएं नहीं तय कर पाते। ये परिणाम सैन डिएगो में ‘पेडियाट्रिक एकेडमिक सोसाइटीज (पीएएस)’ की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किए गए।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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