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उत्तर प्रदेश

120 इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगी योगी सरकार

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लखनऊ | योगी सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बेड़े में 120 इलेक्ट्रिक बसों (100 के अतिरिक्त) के शामिल करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जल्द ही विभाग की तरफ से निविदा की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह बसें अलीगढ़, मुरादाबाद, लखनऊ, अयोध्या एवं गोरखपुर क्षेत्र में संचालित की जायेंगी। इलेक्ट्रिक बसें सुविधायुक्त, अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होंगी। अलीगढ़-मुरादाबाद क्षेत्र में 30-30 इलेक्ट्रिक बसें, लखनऊ, अयोध्या एवं गोरखपुर क्षेत्र में 20-20 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जायेंगी।

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के मुताबिक अलीगढ़ क्षेत्र में अलीगढ़- नोएडा वाया जेवर 10, अलीगढ़-बालाबागड़-फरीदाबाद 04, अलीगढ़-मथुरा 04, अलीगढ़-कौशाम्बी वाया खुर्जा 08, अलीगढ़-डिबाई-अनूपशहर-संभल-मुरादाबाद रूट पर 4 बसें संचालित होंगी। इसी प्रकार मुरादाबाद क्षेत्र में कुल 30 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जायेगी। मुरादाबाद-कौशाम्बी रूट पर 10, मुरादाबाद-मेरठ रूट पर 06, मुरादाबाद-नजीबाबाद कोटवार रूट पर 04, कटघर-बरेली रूट पर 02, कटघर-हल्द्वानी रूट पर 04, कटघर-अलीगढ़ रूट पर 02 एवं कटघर-रामनगर रूट पर 02 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जायेगा।

लखनऊ क्षेत्र में न्यू बाराबंकी स्टेशन-अवध बस स्टेशन रूट पर 20 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जायेगी। इसी प्रकार अयोध्या क्षेत्र में अयोध्या-लखनऊ रूट पर 04, अयोध्या-गोरखपुर रूट पर 04, अयोध्या-प्रयागराज-गोण्डा रूट पर 06 एवंअयोध्या-सुलतानपुर-वाराणसी रूट पर 06 बसों का संचालन किया जायेगा। अयोध्या क्षेत्र में भी 20 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जायेगी।

गोरखपुर क्षेत्र में भी कुल 20 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जायेगा। गोरखपुर-आजमगढ़-वाराणसी रूट पर 03, गोरखपुर-गाजीपुर-वाराणसी रूट पर 03, गोरखपुर-अयोध्या रूट पर 04, गोरखपुर-सोनौली रूट पर 04, गोरखपुर-महराजगंज-ठूठीबारी रूट पर 02, गोरखपुर-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-पडरौना रूट पर एक-एक एवं गोरखपुर-तमकुही रूट पर 02 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जायेगा।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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