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अन्तर्राष्ट्रीय

डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करना चाहता है ईरान, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने दी चेतावनी

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नई दिल्ली। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि ईरान, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करना चाहता है। ट्रंप की चुनावी अभियान के संचार निदेशक स्टीवन च्यांग ने मंगलवार रात कहा था कि आज सुबह राष्ट्रपति ट्रंप को राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय की ओर से ईरान से उन्हें हत्या के प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई। खुफिया अधिकारियों ने इन लगातार और समन्वित हमलों की पहचान की है, जो पिछले कुछ महीनों में बढ़े हैं। सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा सुनिश्चित करने और नवंबर के चुनावों में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से बचने के लिए काम कर रही हैं।

ईरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या क्यों करना चाहता है, इसका जवाब देते हुए स्टीवन च्यांग ने कहा कि ईरान पर डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान कई तरह के प्रतिबंध लगे हैं। ईरान का आतंकवादी शासन कमला हैरिस की कमजोरी को पसंद करता है और राष्ट्रपति ट्रंप की ताकत और उनके कार्यकाल में लिए गए फैसलों से डरा हुआ है। इसलिए ईरान अमेरिका की इस ताकत को खत्म करना चाहता है।

इजरायल से भी है कनेक्शन

जब से इजरायल ने गाजा में हमास के खिलाफ और ईरान, हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग छेड़ी है, डोनाल्ड ट्रंप लगातार इजरायल का समर्थन करते दिखे हैं। उन्होंने कई मंचों से खुले तौर पर इजरायल को अपना समर्थन दिया है। जिससे ईरान तिलमिलाया हुआ है। ईरान ने कई बार कहा है कि गाज़ा में और लेबनान-ईरान में तबाही मचाने के लिए अमेरिका ही इजरायल की मदद कर रहा है, और ट्रंप भी इजरायल का समर्थन करते दिखते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायली सेना के हमले में लेबनान में अब तक 500 लोगों की मौत, 1650 से अधिक घायल

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यरूशलम। इजरायली एयर फोर्स द्वारा लेबनान के अंदर किये गए भीषण हवाई हमले में अब तक करीब 500 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 1650 से अधिक घायल हैं। 2006 में इजराइल-लेबनान जंग के बाद लेबनान पर हुआ यह सबसे बड़ा हमला है। 2006 में महीने भर चली लड़ाई में लेबनान के 1000 लोग मारे गए थे। फिलहाल लेबनान में बुधवार, 25 सितंबर तक के लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है।

इस बीच इजरायली सेना का कहना है कि वो हमले के अगल चरण की तैयार कर रही है। लेबनानी स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि सोमवार को इजरायली हवाई हमलों में मरने वालों में 24 बच्चे और 42 महिलाएं शामिल हैं कई पीड़ितों की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है। लेबनान में इजरायल के व्यापक हवाई हमलों ने इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष को चरम पर पहुंचा दिया है। इससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष छिड़ने की आशंका बढ़ गई है।

दुश्मनी बढ़ने का कारण पिछले सप्ताह लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी को निशाना बनाकर किए गए रहस्यमय विस्फोट हैं। इनमें कई लोग मारे गए और हजारों की संख्या में लोग घायल हो गए। इजरायल के सैन्य प्रमुख हर्ज़ी हलेवी ने सोमवार शाम को घोषणा की कि देश अपने सैन्य अभियान के अगले चरणों की तैयारी कर रहा है।

हलेवी ने बताया कि इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने दक्षिणी और पूर्वी लेबनान में लगभग 1,100 टारगेट को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, हम लक्ष्यों पर हमला कर रहे हैं और अगले चरणों की तैयारी कर रहे हैं। सोमवार को ही, बेरूत में इजरायली हवाई हमलों में हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर अली कार्की को निशाना बनाया गया। कार्की को इजरायली मीडिया में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह का अंतिम डिप्टी के तौर पर संबोधित किया जाता है। बाद में हिजबुल्लाह ने कहा कि वह पूरी तरह स्वस्थ है और उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल उत्तर में सुरक्षा संतुलन को बदलने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने सोमवार को सुरक्षा आकलन बैठक के दौरान नसरल्लाह को कड़ी चेतावनी भी दी, जिसमें कहा गया कि हर कोई निशाने पर है। इजरायल हमले लेबनान में व्यापक विनाश और विस्थापन का कारण बने हैं. टायर, नबातिह और इकलिम अल-तुफा जैसे शहरों से निवासियों को बेरूत और माउंट लेबनान की ओर भागना पड़ रहा है।

इजरायली हमलों के जवाब में, हिजबुल्लाह ने पूरे सोमवार को उत्तरी इजरायल की ओर 180 से अधिक रॉकेट दागे। यह जानकारी इजरायल की सेना दी और कहा कि हवाई रक्षा प्रणालियों ने कुछ रॉकेट्स को रोक दिया, जबकि अन्य इजरायली क्षेत्र में गिरे, जिससे आग लग गई।

 

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