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प्रादेशिक

बिश्नोई गैंग से जुड़े थे बाबा सिद्दीकी के हत्यारे, ये हो सकती है हत्या की वजह

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मुंबई। एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई. बाबा सिद्दीकी को तीन गोली लगी थी, जिसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर बांद्रा खेरवाड़ी सिगनल के पास उनपर गोलीबारी हुई थी. लीलावती अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया.

कौन हैं आरोपी शूटर

मुंबई पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान हो गई है. रिपोट्स के मुताबिक करनैल सिंह, जो हरियाणा का रहने वाला है, और धर्मराज कश्यप, यूपी से है. पुलिस को संदेह है कि आरोपियों को किसी और व्यक्ति से अंदरूनी जानकारी मिल रही थी, जो उन्हें गाइड कर रहा था. क्राइम ब्रांच का दावा है कि शुरुआती पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुद को बिश्नोई गैंग से जुड़ा बताया है.

कैसे की हत्या

बाबा सिद्दीकी पर हमला करने से पहले तीनों आरोपी ऑटो रिक्शा से घटनास्थल बांद्रा ईस्ट पर पहुंचे और कुछ समय तक उनके बाहर आने का इंतजार किया. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पिछले 25-30 दिनों से उस इलाके की रेकी कर रहे थे.

हत्या की वजह

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी का मामला भी उनकी हत्या के पीछे की वजह हो सकती है. इसका बाबा और उनके विधायक बेटे जीशान  विरोध कर रहे थे.

कौन थे बाबा सिद्दीकी

बाबा सिद्दीकी बांद्रा वेस्ट विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे हैं. वह साल 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी आशीष शेलार से चुनाव हार गए थे. वह साल 1992 से 1997 तक पार्षद भी रहे हैं। वह कांग्रेस पार्टी की सरकार के दौरान महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रहे. उन्होंने अपनी सियासी करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन NSUI से की थी. वह साल 1999 में पहली बार विधायक चुने गए थे.

उत्तर प्रदेश

बलिया : ज्यादा मुनाफे के चक्कर में आलू को किया लाल, 21 क्विंटल रंगा आलू खाद्य विभाग ने किया जब्त

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बलिया। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर मे कुछ लोग आम आदमी की जिंदगी से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आते है। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने बलिया के परिखरा स्थित नवीन मंडी स्थल से 21 क्विंटल रंगा आलू जब्त किया है।

इस आलू को नए आलू के तौर पर बेचा जाना था। इस पर लगाया गया रंग सेहत के लिए बहुत हानिकारक बताया जा रहा है।ऐसा इसलिए किया जा रहा था ताकि यह नया आलू दिखे। प्राकृतिक आलू के मुकाबले कृत्रिम रंग में रंगे हुए आलू को सामान्य आलू के रेट के मुकाबले प्रति क्विंटल 400 रुपये अधिक दर पर बेचते थे।

औषधि प्रशासन विभाग ने नवीन मंडी स्थल से 21 क्विंटल रंगा आलू जब्त किया है। इसका नमूना जांच के लिए लैब में जांच के लिए भेज दिया है। विभागीय टीम ने बड़ी मात्रा में कृत्रिम रंग (आर्टिफिशियल कलर) भी बरामद किया है।

खाद्य विभाग को शिकायतें मिली थीं कि मंडी में व्यापारी आलू को कृत्रिम रंगों से रंगकर बेच रहे हैं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। उन्होंने उपभोक्ताओं को कृत्रिम रंग में रंगे हुए आलू के उपयोग से बचने की सलाह देते हुए कहा कि इसका सेवन स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।

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