उत्तर प्रदेश
डिजिटल पथ के रूप में दिखेगा धर्मपथ व लता मंगेशकर चौक
अयोध्या। आठवें दीपोत्सव के दौरान अयोध्या डिजिटल नगरी के रूप में नजर आने वाली है। आस्था और प्रकाश का दीपोत्सव में ऐसा संगम दिखने वाला है कि हर कोई निहारता ही रह जायेगा। खास तौर से अयोध्या का धर्मपथ और लता चौक। इनकी आभा देखते ही बनेगी क्योंकि यहां डिजिटल पिलर लगाए जा रहे हैं। भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद पहली बार दीपोत्सव का आयोजन होना है। इसे देखते हुए श्रद्धालुओं को त्रेता युग वाला अनुभव कराने की कोशिश की जा रही है। राम की पैड़ी समेत अन्य घाटों पर 25 लाख दीपों के प्रज्ज्वलन का रिकार्ड बनना है। इसके अलावा रामकथा पार्क व प्रमुख पथों को सजाने की कवायद जोर शोर से चल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आठवें दीपोत्सव को भव्य बनाने की तैयारी चल रही है।
अभी तीन दिन जगमग करने की योजना
इंटेलिजेंट लाइटिंग के मीम प्रोडक्शन के असद बताते हैं कि प्रकाश की व्यवस्था के लिए उन्हें चयनित किया गया है। नेशनल हाईवे से अयोध्या में प्रवेश मार्ग धर्मपथ पर 15-15 फीट के 24 पिलर लगाए जा रहे हैं। डिजिटल पिलर पर रामायण के प्रसंग चलेंगे व स्वागतम् द्वार तक 28 से 30 अक्टूबर तक इन्हें चलाया जाना है। पिलर के ऊपर आकर्षक लाइटिंग की भी व्यवस्था रहेगी।
यहां भी होगी आकर्षक लाइटिंग
रामकथा पार्क, राम की पैड़ी, हनुमान गढ़ी, बिरला मंदिर, भजन संध्या स्थल, तुलसी उद्यान, सरयू ब्रिज इत्यादि स्थलों पर लाइटिंग होगी।
कीर्तिमान बनाने को बिछेंगे 28 लाख दीप, तीन बार होगी गिनती
अयोध्या में आठवें दीपोत्सव में एक बार फिर से कीर्तिमान बनाने की तैयारी चल रही है। 25 लाख दीपों का रिकार्ड बनाने के लिए 28 लाख से अधिक दीये बिछाए जाएंगे। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम के कंसल्टेंट निश्चल बरोट अयोध्या पहुंच चुके हैं। उनका कहना है तीन बार दीपों की काउंटिंग होगी। पहले सूखे दीप, फिर जलने के बाद मैनुअल काउंटिंग होगी। उसके बाद ड्रोन के जरिये वीडियो बनाकर अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले साफ्टवेयर पर अंतिम गिनती कर घोषणा कर दी जाती है। इस बार हमारी 30 लोगों की टीम आई है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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