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बिजनेस

महंगाई दर 2015-16 में 3.7 फीसदी संभव : रपट

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नई दिल्ली | मौजूदा कारोबारी साल की औसत महंगाई दर 3.7 फीसदी रह सकती है। यह अनुमान दुन एंड ब्रैडस्ट्रीट (डीएंडबी) का है। महंगाई दर गत कारोबारी साल में औसतन दो फीसदी रही थी। डीएंडबी ने रविवार को एक बयान में कहा, “(थोक) महंगाई दर 2015-16 में बढ़कर 3.7 फीसदी रहने का अनुमान है, जो 2014-15 में दो फीसदी थी।”

डीएंडबी ने अपनी एक रपट में कहा, “यदि मानसून सामान्य से कम रहता है, तो कृषि क्षेत्र के प्रभावित होने के साथ-साथ खाद्य वस्तुओं की कीमत बढ़ने के कारण महंगाई दर भी बढ़ सकती है।” महंगाई दर में तीन साल से गिरावट दर्ज की जा रही है। 2014-15 में यह दर दो फीसदी थी। 2013-3-14 में छह फीसदी थी और उससे भी एक साल पहले 2012-13 में यह 7.4 फीसदी थी।

सस्ते ईंधन और खाद्य मूल्य में गिरावट के कारण नवंबर 2014 से महंगाई दर नकारात्मक चल रही है। फरवरी 2015 में यह नकारात्मक 2.06 फीसदी, जनवरी में नकारात्मक 0.39 फीसदी, दिसंबर 2014 में नकारात्मक 0.50 फीसदी और नवंबर 2014 में यह नकारात्मक 0.17 फीसदी थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल में मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य दरों में कोई बदलाव नहीं किया। इस संदर्भ में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में बजट में वित्तीय घाटा कम करने के कार्यक्रम को एक साल और आगे बढ़ा दिया और कहा कि कार्यक्रम की समय सीमा पर सख्ती से कायम रहने से विकास प्रभावित होगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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